National Teacher Award-2023: शिक्षक दिवस-2023 (Teacher’s Day-2023) के मौके पर उत्तर प्रदेश के तीन शिक्षकों को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रीय शिक्षक अवार्ड-2023 (National Teacher Award 2023) से सम्मानित करेंगी. इस मौके पर सम्मानित होने वाले शिक्षकों में देशभर के 50 शिक्षक शामिल होंगे और कार्यक्रम का आयोजन दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में होगा. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने तीन स्तरों पर मेरिट के आधार पर इन शिक्षकों का चुनाव किया है, जिसमें से उत्तराखंड के एक शिक्षक भी शामिल हैं. सभी शिक्षकों को तीन सितम्बर को ही दिल्ली पहुंचना होगा.
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर की आशिया फारूखी, बुलंदशहर के चंद्र प्रकाश अग्रवाल और मेरठ के सुधांशु शेखर पांडा को शिक्षक दिवस के मौके पर राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. तो वहीं उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल स्थित गवर्नमेंट इंटर कॉलेज के दौलत सिंह गोसाई को भी इस सम्मान से सम्मानित किया जाएगा.
कार्यक्रम का आयोजन 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के मौके पर दिल्ली में होगा और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शिक्षकों को सम्मानित करेंगी. पुरस्कार के लिए बिहार और उत्तर प्रदेश के 3-3 , मध्यप्रदेश के 5, पंजाब और दिल्ली के 2- 2 शिक्षकों का सलेक्शन हुआ है. राजस्थान और झारखंड के भी 2- 2 शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार सम्मान में शामिल किया गया है.
मंत्रालय ने उन शिक्षकों की सूची जारी कर दी है, जिनका चयन पुरस्कार के लिए किया गया है. इसी के बाद शनिवार को शिक्षा मंत्रालय की संयुक्त सचिव की ओर से इस सूची को सम्बंधित राज्यों और प्रदेश स्कूली शिक्षा विभाग को भेज दी गई है. मिली जानकारी के मुताबिक, इन शिक्षकों को पुरस्कार के तौर पर प्रमाणपत्र के साथ ही 50 हजार रुपये भेंट किए जाएंगे. इस दौरान शिक्षक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिल सकते हैं. जानकारी सामने आ रही है कि कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कारों के लिए चुने गए शिक्षकों द्वारा किए गए कार्यों पर लघु फिल्में भी प्रदर्शित की जाएंगी और इसके माध्यम से अन्य शिक्षकों को भी प्रोत्साहित किया जाएगा.
बता दें कि राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए शिक्षकों का चयन आनलाइन हुआ था. शिक्षकों को त्रिस्तरीय चयन प्रक्रिया के माध्यम से गुजरना पड़ा. इसी के बाद ये श्रेष्ठ पुरस्कार उनकी झोली में आ सका है.
फतेहपुर के नगर क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय अस्ती की शिक्षिका आशिया फारूखी ने अपनी कड़ी मेहनत से मात्र सात साल में अपने स्कूल की तस्वीर बदल दी. बेसिक शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक फतेहपुर नगर क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय अस्ती की शिक्षिका आशिया फारुखी ने 2009 में हथगाम ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय बुशहरा में सहायक शिक्षिका के रूप में तैनाती थीं और फिर उनको 2016 में नगर क्षेत्र के अस्ती प्राथमिक विद्यालय में बतौर प्रधानाध्यापिका कार्यभार मिला, जिसे उन्होंने बखूबी निभाया और आशिया ने नवाचार के दम पर विद्यालय का कायाकल्प किया. उन्होंने अकेले ही पांच कक्षाओं का संचालन किया और ज्वायफुल लर्निंग से बच्चों में शिक्षा में रुचि पैदा की, इसी वजह से तीन वर्ष में स्कूल में पंजीकृत बच्चों की संख्या 250 के ऊपर पहुंच गई.
पुरस्कार से सम्मानित होने वाले सुधांशु शेखर मेरठ के केएल इंटरनेशनल स्कूल के प्रिंसिपल हैं और वह इस पुरस्कार को अपनी प्रेरणा मानते हैं. मूलरूप से ओडिशा के भुवनेश्वर निवासी सुधांशु के शिक्षण कार्य की शुरुआत मेरठ में ऋषभ एकेडमी से हुई थी. इसके बाद उन्होंने इलेक्ट्रा विद्यापीठ ज्वाइन किया और फिर दीवान पब्लिक स्कूल में लंबे समय तक शिक्षण कार्य किया और बच्चों को शिक्षा के लिए प्रेरित किया. एकेडमिक कोआर्डिनेटर रहने के बाद इलेक्ट्रा में ही वह प्रिंसिपल भी बने और फिर ट्रांसलेम एकेडमी इंटरनेशनल के प्रिंसिपल के तौर पर भी नियुक्त हुए और यहां दस वर्ष तक अपनी सेवा दी. इसी के बाद केएल इंटरनेशनल स्कूल में प्रिंसिपल बने और वर्तमान में भी वह यहीं पर कार्यरत हैं.
बुलंदशहर के लोग कह रहे हैं कि उनके यहां चंद्र प्रकाश अग्रवाल ने जिले का नाम पूरे देश में रोशन किया है. उन्होंने शिवकुमार जनता इंटर कालेज को इस कदर आगे बढ़ाया कि यह कॉलेज जिले का पहला हाईटेक स्कूल बन गया. यहां पर बेटियों को नि:शुल्क शिक्षा दी जा रही है. शिक्षा के क्षेत्र में उनका योगदान जिले में सबसे बेहतर है और वह उन्होंने बच्चों की बेहतरी के लिए विद्यालय में आर्यभट्ट खगोलीयशाला स्थापित की और इसी के साथ वह विद्यार्थियों को खगोलीय ज्ञान से परिचित करा रहे हैं. उन्होंने विद्यालय की वेबसाइट बनवाई है और बच्चों को ऑनलाइन पुस्तकालय की सुविधा भी प्रदान करा रहे हैं.
-भारत एक्सप्रेस
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