देश

13 सितंबर 2008: ‘अगर रोक सको तो हमें रोक लो’…बस एक ईमेल और पांच बम धमाकों से दहल उठी थी दिल्ली

13 सितंबर 2008, दिन शनिवार, अगले दिन रविवार की छुट्टी. दिल्ली खुश थी, बाजारों की रौनक देखते ही बनती थी. तभी कुछ ऐसा हुआ जिसने खुशियों को मातम में बदल दिया. एक के बाद एक बम धमाके हुए. गफ्फार मार्केट से शुरू सिलसिला ग्रेटर कैलाश में जा कर थमा. असमंजस की स्थिति थी और हंसती खेलती दिल्ली सिसकती, कराहती दिखने लगी. आखिर किसकी थी ये ‘नापाक’ साजिश? कौन खुशनुमा जिंदगियों को तबाह करना चाहता था?

अलग-अलग जगहों पर 5 ब्लास्ट

महज 30-31 मिनट में राष्ट्रीय राजधानी अस्त व्यस्त हो गई. पहला ब्लास्ट 6 बजकर 7 मिनट में, फिर 6. 34, 6.35 के बाद, 6.37 और आखिरी 6.38 पर. हर धमाके के पीछे एक ही सोच जान और माल का ज्यादा से ज्यादा नुकसान! पहला धमाके के लिए दहशतगर्दों ने गफ्फार मार्केट चुना. ऐसा बाजार जो अपनी इलेक्ट्रॉनिक्स शॉप्स के लिए जाना जाता है. इस धमाके में 20 लोग चोटिल हुए. इन्हें तुरंत आरएमएल अस्पताल ले जाया गया. विस्फोटक एक कार के बगल में खड़े ऑटो रिक्शा में रखा गया था.

इसके कुछ ही देर बाद 2 धमाके दिल्ली का दिल कनाट प्लेस में हुए. पॉश इलाके में बम कूड़ेदान में रखे गए थे. पहला धमाका निर्मल टावर और गोपाल दास भवन के नजदीक (बारखंभा रोड) पर हुआ. यहां बड़ी तादाद में पर्यटक और स्थानीय लोग जुटते थे. वहीं दूसरा धमाका नए नवेले सेंट्रल पार्क में हुआ.

अभी कनाट प्लेस की तरफ सुरक्षा एजेंसियां मुड़ी ही थीं कि दो और धमाके ग्रेटर कैलाश-1 में हुए. पहला प्रिंस पान कॉर्नर के नजदीक और दूसरा कपड़े के बड़े शोरूम के पास. इस धमाके ने कई दुकानों को क्षति पहुंचाई.

24 लोगों की हुई थी मौत

सीरियल ब्लास्ट में 24 लोगों की मौत हुई तो 100 से ज्यादा घायल हुए. पता चला कि योजनाबद्ध तरीके से बम प्लांट करने के बाद दिल्ली पुलिस को अनाम मेल भेजा गया जिसमें लिखा था- ‘इंडियन मुजाहिदीन ने एक बार फिर हमला किया है… जो भी कर सकते हो करो. अगर रोक सको तो हमें रोक लो. इसे डिकोड करने की कोशिश की ही जा रही थी कि धमाकों का सिलसिला शुरू हो गया.

ये सिलसिला यहीं थमने वाला नहीं था बल्कि दिल्ली को और भी छलनी करने की प्लानिंग थी, लेकिन फिर महकमे की मुस्तैदी ने दहशतगर्दों के मंसूबे पर पानी फेर दिया. चार बम निष्क्रिय किए गए – पहला इंडिया गेट पर, दूसरा कनॉट प्लेस में रीगल सिनेमा के बाहर, तीसरा कनॉट प्लेस में और चौथा संसद मार्ग पर. नई दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता राजन भगत ने रविवार को कहा कि 20 लोग मारे गए और करीब 100 लोग घायल हुए. बाद में ये संख्या बढ़ी और मृतकों की संख्या 24 तक पहुंची.

यह भी पढ़ें- क्या था ऑपरेशन पोलो? जिसमें भारतीय सेना ने रजाकारों को चटाई थी धूल

दहशत की एक शाम की टीस आज भी लोगों के दिलों में है. चाह कर भी दिल्ली अपने सीने से उसे खुरच कर निकाल नहीं पाई है. उस दौर में बम धमाकों का असर ये हुआ था कि लोग घरों में कैद होने को मजबूर हो गए थे. लगभग डेढ़ महीने बाद आई दिवाली कई घरों में अंधेरा लेकर आई थी.

-भारत एक्सप्रेस

आईएएनएस

Recent Posts

भारत एक्सप्रेस के चेयरमैन उपेंद्र राय ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मिलकर दी बधाई

भारत एक्सप्रेस के चेयरमैन उपेंद्र राय ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात कर…

5 hours ago

कुवैत यात्रा के समापन पर PM Modi को कुवैत के प्रधानमंत्री ने दी विशेष विदाई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुवैत की अपनी दो दिवसीय ऐतिहासिक यात्रा समाप्त की, जिसे कुवैत…

6 hours ago

भारत के बिना दुनिया वास्तव में आगे नहीं बढ़ सकती: पूर्व जर्मन राजदूत वाल्टर जे. लिंडनर

वाल्टर जे. लिंडनर के अनुसार, भारत ने अपनी 'सॉफ्ट पावर' से एक अधिक आक्रामक विदेश…

6 hours ago

Mahakumbh 2025: CM योगी के निर्देश पर महाकुंभ में स्वच्छता के विशेष इंतजाम, स्पेशल ऑफिसर करेंगे संतों और श्रद्धालुओं की हिफाजत

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस बार के महाकुंभ को हर बार के कुंभ…

7 hours ago

UP में फिर चली IPS तबादला एक्सप्रेस, कई जिलों के कप्तान इधर से उधर..!

ट्रांसफर आदेश में कहा गया है कि भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों को स्थानांतरित किया…

7 hours ago

World’s Most Expensive Cities: दुनिया में रहने के लिए इस साल कौन-से शहर सबसे महंगे? Forbes से जानिए

लीडिंग कंसल्टिंग फर्म मेरसर (Mercer) द्वारा वर्ष 2024 के लिए जारी किए गए कॉस्‍ट ऑफ…

7 hours ago