देश

West Bengal Politics: क्या अभिषेक बनर्जी के हाथों में होगी TMC की कमान? ममता बनर्जी बोलीं- वरिष्ठों को मिले सम्मान

Mamta Banerjee and Abhishek Banerjee: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले पश्चिम बंगाल की सियासी जमीन पर पिच तैयार होने लगी है. जिसपर नेता बैटिंग करने के लिए उतरने को बेताब नजर आ रहे हैं. चुनावी सरगर्मियों के बढ़ने से पहले नेतृत्व को लेकर भी हलचल शुरू हो गई है. इसी कड़ी में टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी की तस्वीर बैठक में न लगाने को लेकर तनातनी का माहौल हो गया है. टीएमसी प्रवक्ता और अभिषेक बनर्जी के करीबी कुणाल घोष ने कहा कि ये लड़ाई नए और पुराने के बीच नहीं है. इसलिए ये स्पष्ट किया जा रहा है कि यह पुराने और नए नेताओं के बीच कोई लड़ाई नहीं है. इसमें ऐसा कुछ भी नहीं है जो ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी को लेकर हो.

बैठक में नहीं लगी थी तस्वीर

दरअसल, पिछले हफ्ते नेताजी इंडोर स्टेडियम में टीएमसी नेताओं की बैठक हुई थी. जिसमें सीएम ममता बनर्जी शामिल हुई थीं. वहीं अभिषेक बनर्जी स्वास्थ्य कारणों से शामिल नहीं हो सके थे. बैठक में अभिषेक बनर्जी की तस्वीर को नहीं लगाया गया था. जिसको लेकर पार्टी के प्रवक्ता ने ये बातें कही.

पार्टी को दोनों नेताओं की जरूरत

प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि ये बैठक अभिषेक बनर्जी की तस्वीर के बिना मंच अधूरा था. भले ही वो बैठक में शामिल नहीं हुए थे, लेकिन उनकी तस्वीर को वहां पर रखा जाना चाहिए था. उन्होंने पार्टी के लिए बहुत त्याग किया है और खुद को अब उस मुकाम पर पहुंचाया है, जहां उनकी अनदेखी नहीं की जा सकती है. पार्टी को ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी दोनों की जरूरत है.

यह भी पढ़ें- AAP के स्थापना दिवस पर गौतम गंभीर ने CM केजरीवाल पर बोला हमला, पूछा- 11 साल में दिल्ली की जनता के लिए क्या किया?

वरिष्ठों को दिया जाए सम्मान

वहीं बैठक में सीएम ममता बनर्जी ने कहा था कि पार्टी के वरिष्ठ लोगों को उचित महत्व दिया जाना चाहिए. सभी को साथ लेकर चलना होगा. चाहे वो पुराने लोग हों, नए हों या फिर वे लोग जो पार्टी से जुड़ना चाहते हैं. अगर उनकी छवि अच्छी और साफ-सुथरी है तो फिर उन्हें साथ लाने पर भी विचार किया जाना चाहिए.

वरिष्ठ खुद तय करें कब संन्यास लेंगे

सीएम के बयान पर कुणाल घोष ने कहा कि पार्टी सुप्रीमो ने जो कहा है वो सही है. वरिष्ठों को पर्याप्त सम्मान दिया जाना चाहिए, लेकिन इसका ये मतलब कतई नहीं है कि वे पदों पर हमेशा बने रहेंगे और जूनियर वर्षों तक संघर्ष करते रहेंगे. ऐसे में वरिष्ठजनों को तय करना है कि वे सन्यास कब लेंगे.

-भारत एक्सप्रेस

Shailendra Verma

Recent Posts

दिल्ली हाईकोर्ट ने RSS सदस्य शांतनु सिन्हा पर दर्ज मानहानि के मामले में BJP नेता अमित मालवीय को नोटिस जारी कर मांगा जवाब

RSS सदस्य शांतनु सिन्हा द्वारा अमित मालवीय के खिलाफ ‘बंगाली’ में एक फेसबुक पोस्ट किया…

7 hours ago

अफगानिस्तान में महिलाएं क्यों नारकीय जीवन जीने के लिए अभिशप्त हैं?

महिलाओं के खिलाफ घिनौने कृत्य अनंत काल से होते आ रहे हैं और ये आज…

7 hours ago

दिल्ली हाईकोर्ट ने चांदनी चौक के आसपास के क्षेत्रों से अवैध गतिविधियों को हटाने का दिया निर्देश

पीठ चांदनी चौक सर्व व्यापार मंडल द्वारा दायर जनहित याचिका पर विचार कर रहा है,…

7 hours ago

PM Modi’s Gifts: Global Diplomacy में भारत की सांस्कृतिक धरोहर की झलक, राज्यों से भेजे गए ये उपहार

देश के विभिन्‍न राज्‍यों में तैयार किए गए गिफ्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अंतर्राष्ट्रीय यात्राओं…

9 hours ago

जब एक हाथी को भीड़ के सामने दे दी गई थी फांसी, अमेरिका का ये काला इतिहास आपको झकझोर देगा

एक बेघर व्यक्ति को मारने के बदले में भीड़ ने तय किया कि हाथिनी मैरी…

10 hours ago