Hibiscus Health Benefits: चटख लाल, सफेद, गुलाबी, पीले और नारंगी रंग के फूल, जिसे गुड़हल नाम से जाना जाता है, आपको आसानी से बाग-बगीचे में खिले दिख जाएंगे. देवी-देवताओं को प्रिय होने के साथ ही औषधीय गुणों से भरपूर होने की वजह से इसे आयुर्वेद में भी काफी महत्वपूर्ण दर्जा प्राप्त है. यह शरीर के कई विकारों को दूर करने में न केवल सक्षम है बल्कि उन रोगों को कोसों दूर भेज देता है. ऐसे में चलिए आज हम आपको बताते हैं इससे होने वाले फायदों के बारे में.
गुड़हल मानव शरीर के लिए बेहद फायदेमंद है और आयुर्वेदाचार्यों का मानना है कि इसके नियमित सेवन से कई समस्याओं से मुक्ति पाई जा सकती है. आयुर्वेदिक के मुताबिक, गुड़हल के फूल औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं. इन्हें हिबिस्कस कहा जाता है. उन्होंने बताया कि लाल, सफेद, गुलाबी, नारंगी, पीले रंगों में पाए जाने वाला गुड़हल देखने में खूबसूरत, देवताओं को प्रिय और औषधीय गुणों से भी भरपूर होता है.
गुड़हल के गुणों पर विस्तार से चर्चा करते हुए उन्होंने बताया, “आयुर्वेद में गुड़हल को जपा नाम से भी जाना जाता है. पूजा-पाठ के साथ ही कई रोगों के इलाज में भी गुड़हल के फूल इस्तेमाल किए जाते हैं. बालों में होने वाली समस्याओं के लिए यह फायदेमंद होता है. इसके फूलों की लुगदी बनाकर बालों में लगाने से डैंड्रफ की समस्या दूर होती है और बालों में चमक आती है. इसे आंवला के चूर्ण में मिलाकर लगाने से बाल लंबे समय तक काले भी रहते हैं.
आयुर्वेदाचार्य ने बताया कि ज्यादातर समस्याएं तो नींद पूरी न होने की वजह से होती हैं. ऐसे में अनिद्रा की गिरफ्त में आए लोगों के लिए भी गुड़हल काफी फायदेमंद है. उन्होंने बताया, “गुड़हल के फूलों से बने शर्बत को पीने से अनिद्रा की समस्या दूर होती है. फूलों को मिश्री के साथ मिलाकर शर्बत बनाना चाहिए. हालांकि, ध्यान रहे कि हमेशा ताजे फूलों का ही इस्तेमाल करें.”
ये भी पढ़ें: आपको मालूम है क्यों मनाया जाता है World Health Day और कब हुई थी शुरुआत? जानें इसका इतिहास और महत्व
वैद्य जी ने महिलाओं में होने वाली ल्यूकोरिया की समस्या पर भी बात की. उन्होंने बताया कि गुड़हल की कली को पीसकर पीने से ल्यूकोरिया की समस्या में आराम मिलता है. गुड़हल के फूल के चूर्ण का दूध के साथ सुबह शाम नियमित रूप से सेवन करने से शरीर में खून की कमी दूर होती है और इम्यूनिटी मजबूत होती है. ल्यूकोरिया के साथ ही यह पीरियड्स में होने वाली समस्याओं का भी शत्रु है. इसके सेवन से विकारों में लाभ मिलता है.”
डॉक्टर तिवारी ने बताया कि पेट साफ नहीं होता तो उसकी गर्मी से मुंह में छाले हो जाते हैं, जिससे भोजन-पानी या कुछ भी ग्रहण करना मुश्किल हो जाता है. उन्होंने कहा, “मुंह के छाले को ठीक करने के लिए गुड़हल की जड़ का सेवन करना चाहिए. जड़ को साफ करने के बाद छोटे-छोटे हिस्सों में रख लेना चाहिए और फिर मुंह में पान की तरह चबाना चाहिए. इससे मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं. फूलों के सेवन से कब्ज की समस्या में भी आराम मिलता है. तेज बुखार होने पर गुड़हल के पत्तों से बने काढ़े का सेवन करना चाहिए. इससे न केवल बुखार ठीक होता है, बल्कि खांसी और जुकाम में भी लाभ मिलता है. गुड़हल हृदय रोगों को ठीक करने में भी इस्तेमाल किया जाता है.
-भारत एक्सप्रेस
Pahalgam Terrorist Attack: Kashmir में फिर लहूलुहान अमन… गोलियों से दहली घाटी,बदला लेने उतरी सेना…
देशभर से समय-समय पर पेट्रोल-डीजल में मिलावट के मामले सामने आते रहते हैं. यह न…
कश्मीर के पहलगाम में बड़ा आतंकी हमला हुआ है. आतंकवादियों ने पर्यटकों को निशाना बनाकर…
मंगलवार, 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए एक भयावह आतंकी हमले में करीब…
बिहार के मूल निवासी रंजन पिछले दो वर्षों से आईबी के हैदराबाद कार्यालय के मंत्री…
Pahalgam हमले ने दुनिया को हिलाया, Trump से लेकर Netanyahu तक पूरी दुनिया India के…