उत्तर प्रदेश में आईएएस तबादले: संजय प्रसाद बने गृह विभाग के प्रमुख सचिव, ग्रेटर नोएडा सीईओ रवि कुमार एनजी को अतिरिक्त चार्ज

योगी आदित्यनाथ सरकार ने नए साल पर बड़ा प्रशासनिक फेरबदल करते हुए 46 आईएएस अधिकारियों का तबादला किया है. इनमें प्रमुख सचिव संजय प्रसाद को गृह विभाग का प्रभार दिया गया है, जबकि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ *रवि कुमार एनजी* को *रेजिडेंट कमिश्नर, दिल्ली* का अतिरिक्त चार्ज सौंपा गया है.

रवि कुमार एनजी को मिली नई जिम्मेदारी*

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ *रवि कुमार एनजी, जो 2004 बैच के आईएएस अधिकारी हैं, को दिल्ली में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व करने के लिए *रेजिडेंट कमिश्नर का अतिरिक्त चार्ज दिया गया है. वह 8 जुलाई 2024 से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ के रूप में कार्यरत हैं.

रवि कुमार एनजी ने अपनी प्रशासनिक सेवा की शुरुआत झांसी से की थी. अपने करियर के दौरान उन्होंने लखनऊ, आगरा, गोरखपुर, उन्नाव, मथुरा और अंबेडकरनगर जैसे जिलों में विभिन्न पदों पर अपनी सेवाएं दी हैं. उनकी नई जिम्मेदारी को उत्तर प्रदेश सरकार के प्रशासनिक कार्यों को गति देने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है.

संजय प्रसाद की वापसी*

*संजय प्रसाद*, जो पहले से ही एक अनुभवी अधिकारी हैं, को गृह विभाग का प्रमुख सचिव बनाया गया है. उनकी नियुक्ति को योगी सरकार की कानून-व्यवस्था को मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है.

अन्य प्रमुख तबादले

इन तबादलों में कई वरिष्ठ अधिकारियों को नई जिम्मेदारियां दी गई हैं:
1. *डॉ. एमके शनमुगा सुंदरम* – प्रमुख सचिव, श्रम एवं सेवायोजन.
2. *महेन्द्र प्रसाद अग्रवाल* – प्रमुख सचिव, उच्च शिक्षा और सहकारिता.
3. *डॉ. हरिओम* – प्रमुख सचिव, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता.
4. *अनिल कुमार तृतीय* – प्रमुख सचिव, पंचायत राज.
5. *पी गुरु प्रसाद* – खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन.
6. *संयुक्ता समद्दार* – राजनैतिक पेंशन और नागरिक सुरक्षा.

46 अधिकारियों का तबादला

इन तबादलों में 46 आईएएस अधिकारियों को इधर-उधर किया गया है. वरिष्ठता और अनुभव के आधार पर सभी अधिकारियों को महत्वपूर्ण पद दिए गए हैं. इनमें दीपक कुमार, राजेश कुमार सिंह, आलोक कुमार द्वितीय, वीना कुमारी मीणा, अनिल गर्ग, और बीएन सिंह जैसे वरिष्ठ अधिकारियों को अहम जिम्मेदारियां दी गई हैं.

सरकार का उद्देश्य

योगी सरकार ने इन बदलावों को उत्तर प्रदेश के प्रशासनिक ढांचे को अधिक प्रभावी और कुशल बनाने के उद्देश्य से किया है. गृह विभाग, औद्योगिक विकास, कौशल विकास और कानून व्यवस्था जैसे महत्वपूर्ण विभागों में अनुभवी अधिकारियों की नियुक्ति से बेहतर परिणामों की उम्मीद की जा रही है. यह फेरबदल 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले सरकार के प्रशासनिक तंत्र को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.

-भारत एक्सप्रेस 

मिताली चंदोला, एडिटर, क्राइम एंड इंवेस्टिगेशन

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