Videocon Loan Case: ICICI बैंक लोन धोखाधड़ी मामले में CBI ने बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर (Chanda Kochar) और उनके पति दीपक कोचर को अरेस्ट कर लिया है. चंदा कोचर पर अपने पति को आर्थिक फ़ायदा पहुंचाने के लिए अपने पद के दुरुपयोग का आरोप लगा था. चंदा कोचर पर आरोप है कि आईसीआईसीआई बैंक की कमान संभालने के दौरान, उन्होंने वीडियोकॉन ग्रुप को लोन दिया था और इसके एवज में उनके पति दीपक कोचर की कंपनी नू रिन्यूएबल को वीडियोकॉन से निवेश मिला था.
जानकारी के मुताबिक, ICICI बैंक द्वारा वीडियोकॉन ग्रुप को लोन दिया गया था. मई 2020 में प्रवर्तन निदेशालय ने चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर से करोड़ों के लोन और इससे जुड़े मामले में पूछताछ की थी. दरअसल, चंदा कोचर के नेतृत्व में आईसीआईसीआई बैंक ने वीडियोकॉन ग्रुप को 3,250 करोड़ का लोन दिया, इसके छह महीने बाद वेणुगोपाल धूत के स्वामित्व वाली मेसर्स सुप्रीम एनर्जी ने मैसर्स न्यूपावर रिन्यूएबल्स को 64 करोड़ का लोन दिया. इसमें चंदा कोचर के पति दीपक कोचर की 50% भागीदारी है.
ये भी पढ़ें: Adani NDTV Deal: एनडीटीवी में अडानी ग्रुप की होगी 65% हिस्सेदारी, प्रणव और राधिका रॉय बेचेंगे अपने अधिकांश शेयर
ICICI बैंक और वीडियोकॉन के शेयर होल्डर अरविंद गुप्ता ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, प्रधानमंत्री और सेबी को एक पत्र लिखकर वीडियोकॉन के अध्यक्ष वेणुगोपाल धूत और ICICI की सीईओ व एमडी चंदा कोचर पर एक-दूसरे को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया था.
ये मामला काफी दिनों तक सुर्खियों में छाया रहा था. इसमें दावा किया गया था कि वीडियोकॉन को आईसीआईसीआई बैंक से 3250 करोड़ रुपये का लोन दिया गया और इसके बदले में धूत ने दीपक कोचर की वैकल्पिक ऊर्जा कंपनी ‘नूपावर’ में अपना पैसा निवेश किया था.इस मामले का खुलासा होने के बाद चंदा कोचर को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था.
सीबीआई ने पहले फरवरी, 2018 में इस मामले में पीई दर्ज की थी. इसके बाद साल 2019 में चंदा कोचर के खिलाफ आरोपों की जांच कर रही जस्टिस बीएन श्रीकृष्णा समिति की रिपोर्ट आई, जिसने जांच में पाया कि वीडियोकॉन को कर्ज देने के मामले में चंदा कोचर ने बैंक की आचार संहिता का उल्लंघन किया है.