वर्ष 2024 में भारत ने डिफेंस सेक्टर में अभूतपूर्व प्रगति की और आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए. स्वदेशी रक्षा उत्पादन और निर्यात में रिकॉर्ड तोड़ वृद्धि के साथ भारत ने खुद को रक्षा उद्योग में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित किया. नए जहाजों का कमीशन और वायु सेना में उन्नत विमानों की शामिली के साथ, भारत ने अपनी रक्षा क्षमताओं को वैश्विक स्तर पर मजबूत किया. इसके अलावा, निजी क्षेत्र द्वारा स्थापित पहली सैन्य विमान निर्माण फैक्ट्री और अंतरराष्ट्रीय सहयोगों ने भारत की रक्षा ताकत को और बढ़ाया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2024 को भारतीय स्वतंत्रता दिवस पर घोषणा की कि भारत अब आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है और वैश्विक रक्षा निर्माण केंद्र बनने की ओर अग्रसर है. उन्होंने कहा, “पहले अधिकांश रक्षा बजट विदेशी हथियारों की खरीद में खर्च होते थे, लेकिन अब हम स्वदेशी निर्माण पर ध्यान दे रहे हैं.”
सरकार ने 5,600 से अधिक रक्षा उत्पादों के लिए सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची जारी की, जिससे भारतीय निर्माताओं को एक बड़ा अवसर मिला है. भारत ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में 1,26,887 करोड़ रुपये का स्वदेशी रक्षा उत्पादन किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 16.7% अधिक है.
भारत के रक्षा निर्यात ने 2023-24 में एक नया रिकॉर्ड स्थापित किया, जो बढ़कर 21,083 करोड़ रुपये (लगभग 2.63 अरब डॉलर) हो गया. यह पिछले वर्ष के 5,920 करोड़ रुपये से 32.5% अधिक था. रक्षा मंत्रालय ने निर्यात प्रक्रिया को सरल किया और कई देशों के लिए ओपन जनरल एक्सपोर्ट लाइसेंस (OGEL) का विस्तार किया.
इस वृद्धि में भारतीय रक्षा कंपनियों और रक्षा सार्वजनिक उपक्रमों (DPSUs) का योगदान महत्वपूर्ण था, जिनमें से 60% निजी कंपनियों का और 40% DPSUs का था. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 2029 तक 50,000 करोड़ रुपये के रक्षा निर्यात का लक्ष्य हासिल करने का विश्वास व्यक्त किया.
भारत ने अक्टूबर 2024 में अपनी पहली निजी सैन्य विमान निर्माण फैक्ट्री का उद्घाटन किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज़ ने मिलकर Tata Aircraft Complex का उद्घाटन किया. यह फैक्ट्री C-295 परिवहन विमान बनाएगी, जिसका निर्माण एयरबस स्पेन और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है. यह फैक्ट्री भारत को विमान निर्माण में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
भारत ने अक्टूबर 2024 में अमेरिका के साथ 31 MQ-9B प्रीडेटर ड्रोन खरीदने के लिए एक बड़ा सौदा किया. यह सौदा 28,000 करोड़ रुपये (3.3 बिलियन डॉलर) का है. इन ड्रोन से भारत की खुफिया, निगरानी और पहचान (ISR) क्षमताओं में भारी वृद्धि होगी, विशेष रूप से भारतीय समुद्री क्षेत्र और सीमाओं पर.
भारत सरकार ने अक्टूबर 2024 में 52 नए निगरानी उपग्रहों को लॉन्च करने की मंजूरी दी. इस परियोजना का अनुमानित लागत 27,000 करोड़ रुपये है और यह पांच वर्षों में पूरी होगी. इन उपग्रहों से भारत की सीमाओं और समुद्री क्षेत्र की निगरानी में अत्यधिक वृद्धि होगी, खासकर पाकिस्तान और चीन से लगी सीमा पर.
इन उपलब्धियों के साथ, भारत ने 2024 में अपने रक्षा क्षेत्र को आत्मनिर्भरता और वैश्विक मान्यता की दिशा में महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की है.
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