सांकेतिक तस्वीर
भारत ने वैश्विक स्तर पर 2024 में कई प्रमुख क्षेत्रों में अपनी नेतृत्व क्षमता को साबित किया. फार्मास्यूटिकल्स, जैव प्रौद्योगिकी, रक्षा, परमाणु ऊर्जा, अंतरिक्ष, इंफ्रास्ट्रक्चर और उभरती तकनीकों जैसे क्वांटम कंप्यूटिंग, ए.आई. और ब्लॉकचेन में भारत ने ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल की हैं.
फार्मास्यूटिकल्स में असाधारण वृद्धि
भारत के फार्मास्यूटिकल्स निर्यात ने 2014 से 2024 तक एक अभूतपूर्व वृद्धि देखी. फार्मास्यूटिकल्स निर्यात 15 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 28 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया, जो कि उत्पादन लिंक प्रोत्साहन (PLI) और बल्क ड्रग पार्क जैसी योजनाओं द्वारा संभव हुआ. भारत ने दवाइयों के उत्पादन में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा दिया, जिसमें पेनिसिलिन G का उत्पादन 30 साल बाद फिर से शुरू किया गया.
जैव प्रौद्योगिकी का अभूतपूर्व विकास
भारत की जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र में 13 गुना वृद्धि हुई, जो 2014 में 10 अरब डॉलर से बढ़कर 2024 में 130 अरब डॉलर तक पहुंच गई. भारत ने 2030 तक इसे 300 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है. 2024 में भारत ने पहले स्वदेशी एंटीबायोटिक, नफिथ्रोमाइसिन, और स्वदेशी CAR-T सेल थेरेपी, NexCAR19, की शुरुआत की, जो कैंसर के इलाज में मील का पत्थर साबित हुए.
रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर कदम
भारत के रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने वाली नीतियों जैसे सकारात्मक स्वदेशीकरण सूचियों और रक्षा अनुसंधान को स्टार्टअप्स के लिए खोलने के परिणामस्वरूप 2024 में स्वदेशी उत्पादन 1.27 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया. मिसाइल परीक्षणों में एग्नि-5 और के-4 पनडुब्बी मिसाइल का सफल परीक्षण भारत की रक्षा क्षमता को और मजबूत करता है.
परमाणु ऊर्जा में दोगुनी वृद्धि
भारत का परमाणु ऊर्जा उत्पादन 2014 में 4,780 मेगावाट से बढ़कर 2024 में 8,180 मेगावाट हो गया. भारत ने 2031-32 तक इसे 22,480 मेगावाट तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है. इसके साथ ही भारत ने छोटे परमाणु रिएक्टरों के लिए भी योजनाओं की घोषणा की, जो भविष्य में भारत की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करेंगे.
अंतरिक्ष क्षेत्र में नई ऊंचाइयां
2024 में भारत ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में अभूतपूर्व उपलब्धियां हासिल की. वीनस ऑर्बिटर मिशन और चंद्रयान-4 के लिए अनुमोदन, पहले बैच के गगनयान अंतरिक्ष यात्री, और निजी क्षेत्र की कंपनियों जैसे Skyroot Aerospace और Agnikul Cosmos की महत्वपूर्ण उपलब्धियां भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को नई दिशा दे रही हैं.
उभरती तकनीकों में नेतृत्व
भारत ने उभरती तकनीकों में भी अपनी स्थिति मजबूत की है. राष्ट्रीय क्वांटम मिशन ने क्वांटम संचार को बढ़ावा दिया, वहीं BharatGen ने भारतीय भाषाओं में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर काम किया. ब्लॉकचेन तकनीक में भी भारत ने राष्ट्रीय ब्लॉकचेन स्टैक, Vishvasya, के जरिए डिजिटल प्लेटफॉर्म की सुरक्षा को सुनिश्चित किया.
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