Amritpal Singh Case: खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह फरार होने के बाद अभी तक पुलिस की पकड़ से बाहर है. उसे पकड़ने के लिए पंजाब पुलिस के अलावा दिल्ली, हरियाणा की भी पुलिस छापामार कार्रवाई कर रही है. इस बीच यह बात भी सामने आ रही है कि वह अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में अकाल तख्त पर जाकर आत्मसमर्पण कर सकता है. इस बात की आशंका के मद्देनजर पंजाब पुलिस अलर्ट मोड पर आ चुकी है. गोल्डन टेंपल के आस-पास की सुरक्षा भी कड़ी कर दी गई है.
इसे लेकर अमृतसर पुलिस के DCP लॉ एंड ऑर्डर परमिंदर सिंह भंडाल ने कहा है कि अमृतपाल कहीं भी सरेंडर कर सकता है. ऐसे में सब कुछ कानून के अनुसार ही किया जाएगा.
पुलिस ने किया था अमृतपाल के शक में एक वाहन का पीछा
बीते 28 मार्च की रात में पंजाब पुलिस ने अमृतपाल के होने की आशंका में फगवाड़ा में एक गाड़ी का पीछा किया था. हालांकि पुलिस के पहुंचते ही इसमें सवार लोग फरार हो गए थे.
अमृतपाल मामले में गिरफ्तार 348 लोग रिहा
अमृतपाल सिंह के खिलाफ हुई पुलिसिया कार्रवाई में 360 लोगों को प्रिवेंटिव कस्टडी में लिया गया था. इनमें 348 लोगों को रिहा कर दिया गया है. इसे लेकर अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने राज्य सरकार को अल्टीमेटम दिया था कि अमृतपाल सिंह और उनके सहयोगियों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई के दौरान पकड़े गए सभी सिख युवकों को रिहा किया जाए. उन्होंने इस मामले में कुछ लोगों पर NSA लागू करने को लेकर राज्य सरकार की निंदा भी की थी. पंजाब पुलिस के अनुसार पकड़े गए लोगों में से करीब 30 हार्डकोर अपराधी बताए गए थे.
अमृतपाल के चाचा ने दी आत्मसमर्पण करने की सलाह
अमृतपाल सिंह के बुधवार को एक वीडियो जारी करने के कुछ घंटों बाद ही उसके चाचा सुखचैन सिंह ने उसे बड़ी सलाह दी है. उनका कहना है कि अगर अमृतपाल ने कुछ गलत नहीं किया है तो कानूनी लड़ाई लड़े और आत्मसमर्पण कर दे. उसे सब कुछ झेलना चाहिए. अमृतापल के चाचा पूर्व पुलिस अधिकारी हैं. बीते माह 28 फरवरी 2023 को वे पंजाब आर्म्ड पुलिस (PAP) से निरीक्षक (इंस्पेक्टर) के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं. उन्होंने कहा, ”अमृतपाल के एक चाचा हरजीत सिंह ने जिस तरह आत्मसमर्पण किया, अमृतपाल को भी हम चाहते थे कि ऐसा ही करना चाहिए.
घर में किसी की नहीं पता की अमृतपाल के दिमाग में क्या चल रहा था
उनका यह भी कहना था कि दुबई से लौटने के बाद उसके प्रचारक बनने की योजना के बारे में घर में किसी को कोई जानकारी नहीं थी. हालांकि उनका यह भी कहना था कि अगर उसकी गतिविधियां संदिग्ध थीं तो एयरपोर्ट पर ही सरकार को उसे रोक लेना चाहिए था.
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परिवार का दुबई में बड़ा व्यापार
अमृतपाल के चाचा का कहना था कि उनके परिवार का दुबई में ट्रांसपोर्ट का बिजनेस है, इसलिए हमने उसे वहां भेजा था. अमृतपाल सिंह के दो चाचा दुबई में रहते हुए अपनी कंपनी संधूकार्गो चलाते हैं. इनके नाम प्रेम सिंह और मंजीत सिंह हैं. वहीं एक चाचा हरजीत सिंह जल्लूपुर खेड़ा के पूर्वसरपंच हैं. वह अपने परिवार के साथ कनाडा में रहते हैं. फिलहाल अमृतपाल की मदद करने वे पंजाब चले आए और गिरफ्तार होने के बाद इस समय असम के डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं.
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