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Ramcharitmanas: “मेरी जीभ-सिर काटने वालों को इनाम…धर्म के ठेकेदारों को क्या कहें- आतंकवादी या जल्लाद”- स्वामी प्रसाद मौर्य के फिर बिगड़े बोल

Ramcharitmanas Row: रामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी करने के बाद सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने संतों-महंतों और धर्माचार्यों पर भी विवादित टिप्पणी कर दी है. इस सम्बंध में उनका एक ट्वीट सोशल मीडिया जमकर वायरल हो रहा है, जिसपर राजनीति गरमायी हुई है.

ट्विटर पर स्वामी प्रसाद मौर्या ने लिखा, “अभी हाल ही में मेरे दिए गए बयान पर कुछ धर्म के ठेकेदारों ने मेरी जीभ काटने एवं सिर काटने वालों को इनाम घोषित किया है, अगर यही बात कोई और कहता तो यही ठेकेदार उसे आतंकवादी कहते, किंतु अब इन संतों, महंतों, धर्माचार्यों व जाति विशेष लोगों को क्या कहा जाए आतंकवादी, महाशैतान या जल्लाद.”

बता दें कि इससे पहले रायबरेली पहुंचे मौर्य ने रामचरितमानस पर दिए अपने बयान को लेकर सफाई दी थी, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. इस वीडियो में वह कहते दिख रहे हैं कि वह रामचरितमानस नहीं बल्कि उसमें लिखी गई उन चौपाइयों के विरोधी हैं, जिसमें दलित आदिवासी और महिलाओं को अपमानित किया गया है. इस मौके पर उन्होंने ये भी कहा कि वह ब्राह्मण नहीं ब्राह्मणवादी व्यवस्था के विरोधी हैं.

स्वामी प्रसाद मौर्या ने मुलायम सिंह यादव को दिए गए पद्म विभूषण सम्मान दिए जाने पर कहा कि यह भाजपा की चाल थी. अगर वास्तव में भाजपा उनका सम्मान ही करना चाह रही थी तो उन्हें भारत रत्न दिया जाना चाहिए था. वह देश के बहुत बड़े नेता थे.

मालूम हो कि हाल ही में स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस को लेकर विवादित टिप्पणी की थी, इसी के बाद से अयोध्या के संतों, महंतों के साथ ही हिंदूवादी संगठनों ने तीखी प्रतिक्रियाएं दी हैं. प्रदेश में जगह-जगह मौर्य का पुतला दहन किया जा रहा है और उनके माफी मांगने की मांग की जा रही है.

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तो दूसरी ओर उनके इस बयान से पार्टी ने किनारा कर लिया है. राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि मौर्या के इस बयान से सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी नाराज हैं. दूसरी ओर मौर्य के बयान के बाद उनस पर लखनऊ के हजरतगंज सहित कई थानों में मुकदमा भी दर्ज कराया गया है.

जानें क्या कहा था स्वामी प्रसाद मौर्य ने?

बता दें कि हाल ही में मौर्य ने कहा था कि रामचरितमानस में दलितों और महिलाओं का अपमान किया गया है. तुलसीदास ने इसे अपनी खुशी के लिए लिखा था. करोड़ों लोग इसे नहीं पढ़ते. उन्होंने सरकार से इस पर प्रतिबंध तक लगाने की मांग तक कर दी. मौर्य ने रामचरितमानस को बकवास बताते हुए इसकी कुछ चौपाइयां हटवाने की मांग की थी.

-भारत एक्सप्रेस

Archana Sharma

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