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सतपुड़ा भवन में लगी आग 14 घंटे में हुई शांत, चार फ्लोर में रखी 12 हजार फाइल खाक, CM शिवराज ने बुलाई रिव्यू बैठक

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में मंत्रालय के करीब स्थित सतपुड़ा भवन में सोमवार की दोपहर को लगी आग पर लगभग 16 घंटे की कोशिशों के बाद काबू पा लिया गया है, मगर अब भी कई हिस्सों में आग सुलग रही है और धुआं उठ रहा है. पूरी रात आग पर काबू पाने की कोशिश जारी रही. आग पर काबू पाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एयरफोर्स की मदद मांगी थी. मालूम हो कि सतपुड़ा भवन की तीसरी मंजिल में सोमवार की दोपहर को आग लग गई थी. देखते ही देखते वह चौथी, पांचवी और छठवीं मंजिल तक पहुंच गई. इस आग के चलते पूरी इमारत में भगदड़ मच गई. यह राज्य की दूसरी सबसे बड़ी सरकारी इमारत है. आनन-फानन में पूरी इमारत को खाली कराया गया. फायर ब्रिगेड की 50 से ज्यादा गाड़ियां और 300 से ज्यादा टैंकर आग को काबू करने की कोशिश में लगे. इन मंजिलों पर कई विभागों खासकर स्वास्थ्य संचालनालय, आदिमजाति कल्याण विभाग, ईओडब्ल्यू व लोकायुक्त के दफ्तर है, जिनके कागजात के जलने की बात सामने आ रही है.

कड़ी मशक्कत के बाद आग पर मंगलवार की सुबह काबू पाया गया.  मगर छठवीं मंजिल से अब भी धुआं उठ रहा है. इस अभियान में भोपाल नगर निगम के अलावा भेल व आसपास के जिलों से फायर ब्रिगेड की गाड़ियां बुलाई गईं. वहीं इंदौर से विशेष लोगों को बुलाया गया, जो आग बुझाने के अभियान के विशेषज्ञ हैं.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार की रात आग के प्रारंभिक कारणों को जानने के लिए कमेटी का गठन कर दिया. ये कमेटी आग लगने के कारणों का पता लगाएगी. इस कमेटी में एसीएस गृह राजेश राजौरा, पीएस नगरीय प्रशासन नीरज मंडलोई, पीएस लोक निर्माण सुखबीर सिंह और एडीजी फायर सदस्य बनाए गए हैं. यह कमेटी जांच के प्रारंभिक कारणों का पता कर रिपोर्ट मुख्यमंत्री चौहान को सौंपेगी. इस समिति से जुड़े लोगों ने सोमवार की रात को मौके का मुआयना किया. आग की विकरालता को लेकर मुख्यमंत्री चौहान ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से बात की और आग बुझाने के लिए एयरफोर्स की मदद मांगी थी. हालांकि मगर मंगलवार की सुबह तक वायुसेना के विमान और हेलीकॉप्टर नहीं पहुंचे.

बताया गया है कि सतपुड़ा भवन के जिन मंजिलों में आग लगी है वहां मूलत: तीन विभाग हैं. आदिम जाति कल्याण विभाग, परिवहन विभाग और स्वास्थ्य विभाग. सरकार की ओर से दावा किया गया है कि इन सभी मंजिल में किसी भी विभाग का टेंडर, प्रैक्योरमेंट संबंधी कोई भी कार्य नहीं होता है. मूलत: यहां स्थापना संबंधित विभागीय कार्य होते है.

आधिकारिक जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री चौहान ने सोमवार की रात को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर चर्चा कर सतपुड़ा भवन में आग घटना की जानकारी दी थी. मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को आग बुझाने के प्रदेश सरकार के प्रयासों और केंद्र सरकार के आर्मी, एयरफोर्स, भेल, सीआईएएसएफ, एयरपोर्ट एवं अन्य से मिली मदद से भी अवगत कराया. प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री को केंद्र से हर संभव मदद का आश्वासन दिया था.

इस अग्निकांड को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने बड़ा हमला बोला है. उन्होंने कहा, यह मध्यप्रदेश में व्याप्त भ्रष्टाचार की लपटें है जो उठ रही हैं – आदिम जाति विभाग, स्वास्थ्य विभाग, लोकनिर्माण विभाग, पिछड़ा वर्ग विभाग, ईओडब्ल्यू, लोकायुक्त जैसे महत्वपूर्ण विभागों के भ्रष्टाचार की फाइलें जलकर नहीं जलाकर खाक कर दी गई है.

-भारत एक्सप्रेस

Shailendra Verma

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