देश

बिहार: आरसीपी सिंह की ‘आप सब की आवाज’ बन पाएगी लोगों की ‘आवाज’ या सिर्फ करेगी अन्य पार्टियों का नुकसान?

Bihar News: कभी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह बिहार की सियासत में नई पारी खेलने को लेकर राजनीति के मैदान में उतर गए हैं. सिंह ने नई पार्टी ‘आप सब की आवाज’ बनाकर न केवल अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी बल्कि 140 सीटें भी तय कर दी. हालांकि इनकी नजर पहले अपने संगठन को मजबूत करने की है.

IAS अफसर रह चुके हैं आरसीपी स‍िंह

आरसीपी स‍िंह भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रह चुके हैं, लेकिन राजनीति में इनकी पहचान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा दी गई. हालांकि नीतीश कुमार से मनमुटाव होने के बाद इन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया और फिर भाजपा द्वारा दरकिनार किए जाने के बाद उन्होंने अपनी पार्टी बनाने की घोषणा कर दी.

क्या नीतीश कुमार की बढ़ेंगी मुश्किलें

पार्टी की घोषणा करने के बाद जिस तरह उन्होंने इशारों ही इशारों में नीतीश कुमार के शराबबंदी कानून और बिहार के शिक्षा के बदतर हालात पर सवाल उठाए, उससे साफ है कि राजनीति में उनके निशाने पर नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ही रहेगी. नीतीश कुमार और सिंह दोनों नालंदा जिले से ही आते हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि सिंह जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ कर रहे हैं और नीतीश कुमार की नीतियों की आलोचना कर रहे हैं, उससे साफ है कि नीतीश की मुश्किलें बढ़ेंगी.

आरसीपी स‍िंह ने की ‘आप सब की आवाज’ बनाने की घोषणा

गौर करने वाली बात यह है कि गुरुवार को जब सिंह अपनी पार्टी ‘आप सब की आवाज’ बनाने की घोषणा कर रहे थे, तब उन्होंने 140 सीटों पर लड़ने की बात तो कह दी, लेकिन किस गठबंधन में शामिल होंगे, इसकी बात तक नहीं की. ऐसे में चर्चा यह भी है कि ये उन्हीं सीटों को टारगेट कर सकते हैं जिन पर जदयू अपने उम्मीदवार उतारेगी. पिछले चुनाव में चिराग पासवान की पार्टी अकेले ही चुनावी मैदान में उतर कर जदयू को नुकसान पहुंचाया था.

पार्टी का मुख्य लक्ष्य क्या है

सिंह कहते हैं कि उनकी पार्टी लोगों की आशा बनेगी. उन्होंने कहा कि बिहार का विकास उनका मुख्य लक्ष्य होगा. बिहार में उद्योग लगाने की प्राथमिकता होगी. बिहार में अनेक स्रोत है, लेकिन बिहार के लोग और नेता बालू से आगे नहीं बढ़ रहे हैं, जबकि यहां अनेक संभावना है। सोना का भंडार भी बिहार में है, यदि वो कुछ दिन मंत्री रहते तो उस पर भी काम शुरू हो जाता. सिंह का संगठन को बढ़ाने और मजबूत करने पर बल है. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी बूथ स्तर तक जाकर काम करेगी. हालांकि, एक साल में पार्टी क‍ितनी मजबूत होगी इसे लेकर सवाल उठाए जाने लगे हैं.

बहरहाल, सिंह ने दीपावली के दिन अपनी पार्टी की घोषणा कर बिहार की राजनीति में हलचल तो मचा दी है, लेकिन उनकी पार्टी अगले साल तक लोगों के दिलों में कितना जगह बना पाएगी, यह देखने वाली बात होगी. हालांकि यह तय माना जा रहा है कि सिंह की पार्टी कुछ पार्टियों का नुकसान का कारण तो बन ही सकती है.

आईएएनएस

Recent Posts

प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष बिबेक देबरॉय का निधन

अर्थशास्त्र के अलावा बिबेक देबरॉय की रुचियां बहुत व्यापक थीं. वह एक संस्कृत विद्वान भी…

27 mins ago

पहले पैर छुए, फिर तमंचा निकालकर किया हमला; शाहदरा में दिवाली की रात चाचा-भतीजे की गोली मारकर हत्या

Shahdara Murder Case: दिल्ली के शाहदरा में दिवाली के अवसर पर फर्श बाजार थाना क्षेत्र…

36 mins ago

दिवाली पर मंदिर में दीया जलाने गए थे भाई-बहन, सड़क किनारे मिला दोनों का शव; परिवार में पसरा मातम

UP Crime News: सहारनपुर में सड़क किनारे संदिग्ध परिस्थितियों में भाई-बहन का शव मिलने से…

57 mins ago

Bhai Dooj 2024: भाई दूज पर तिलक लगाने के लिए मिलेगा 2 घंटे का समय, नोट कर लें सही डेट और शुभ मुहूर्त

Bhai Dooj 2024: भाई दूज कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है.…

1 hour ago

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, पीएम मोदी ने पंजाब, हरिणाया समेत 5 राज्यों के स्थापना दिवस पर दी बधाई

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नेता विपक्ष राहुल गांधी ने हरियाणा, पंजाब, मध्यप्रदेश…

2 hours ago