UP News: उत्तर प्रदेश में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर योगी सरकार सख्त कदम उठाया है और प्रदूषण पर काबू पाने के लिए निर्देश जारी कर दिए हैं. बता दें कि योगी सरकार ने एनसीआर के यूपी वाले हिस्से में प्रदूषण को लेकर निर्देश जारी किया है, जिसमें 500 वर्ग मीटर के भूखंडों पर बिना पंजीकरण निर्माण पर रोक लगा दी गई है. इतना ही नहीं योगी सरकार ने निर्माण कार्य के लिए डस्ट एप पर पंजीकरण कराना भी अनिवार्य कर दिया है. इसको लेकर यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भी आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं. तो दूसरी ओर सीएम योगी आदित्यनाथ खुद वायु प्रदूषण को लेकर हालात पर बराबर नजर बनाए हुए हैं.
बता दें कि यूपी की आबोहवा लगातार खराब होती जा रही है. सूक्ष्म, धूल और कार्बन के कणों की मौजूदगी बढ़ने की वजह से सड़कों पर वाहनों के धुएं के साथ ही ये समस्या और भी गहरा गई है. आंखों में जलन होना शुरू हो गया है और सांस के मरीज लोगों को खासी समस्या का सामना करना पड़ रहा है. यूपी के सभी इलाकों में इसकी समस्या देखी जा रही है. तो वहीं धुंध की चादर लगातार छाई हुई है. दिल्ली से सटे नोएडा, गाजियाबाद और मेरठ में एक्यूआई 450 के पार चल रहा है. इसी के साथ यूपी के कई इलाकों की हवा दूषित हो गई है. तो वहीं आशंका जताई जा रही है कि, पांच दिनी दीपोत्सव की शुरुआत 10 नवंबर से होने वाली है, ऐसे में इस दौरान होने वाली आतिशबाजी और पटाखों की वजह से 11 नवंबर से हवाएं औऱ खराब हो सकती हैं. 12 नवम्बर को दीपावली है. इस दौरान बड़ी मात्रा में आतिशबाजी होगी और आशंका जताई जा रही है कि इसके बाद से और भी धुंध छा सकती है और अगर इस दौरान तेज हवाएं चलती है तो धुंध कई दिनों तक छाई रह सकती है.
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बता दें कि प्रदूषण की वजह से लोगों को सांस लेने में समस्या का सामना करना पड़ रहा है. सांस के रोगियों को तो और भी समस्या हो रही है. टीबी के मरीजों की परेशानी भी बढ़ गई है. अस्पतालों में ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ गई है. चिकित्सकों की मानें तो ऐसे मरीजों को नेबुलाइजर देने की जरूरत पड़ रही है. लोगों में लगातार खांसी के साथ खराश की समस्या बनी हुई है. बुखार के साथ भी खांसी और जुकाम भी पांच से सात दिनों तक चल रहा है.
शहरी इलाकों में नगर निगम लगातार पानी का छिड़काव करा रहा है, लेकिन कुछ प्रमुख सड़कों पर ही पानी का छिड़काव होने के कारण हर जगह लोगों को राहत नहीं मिल रही है. बड़ी सड़कों को जोड़ने वाले रास्तों पर तेज दौड़ते वाहनों की वजह से धूल के गुबार उठते दिखाई दे रहे हैं. बता दें कि मेट्रो समेत चल रहे कई निर्माण कार्यों की वजह से भी धूल का गुबार उठने के कारण हवाओं में जहर घुल रहा है तो वहीं दीपावली के चलते घरों, दुकानों से निकलने वाले कूड़े व पेंट आदि की वजह से भी हवा में जहर घुल गया है. तो दूसरी ओर निजी निर्माण के साथ कूड़ा जलाना, उपले और लकड़ियों को जलाने से भी एक्यूआई का खतरा बढ़ता जा रहा है.
-भारत एक्सप्रेस
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