दिल्ली हाईकोर्ट ने रेलिगेयर के पूर्व प्रमोटर शिविंदर मोहन सिंह को विदेश यात्रा की अनुमति देने से इंकार कर दिया है। शिविंदर मोहन सिंह अपने दो बेटों के स्नातक समारोह में भाग लेनेके लिए विदेश जाने की अनुमति मांग रहे थे। न्यायमूर्ति धर्मेश शर्मा ने कहा कि प्रथम दृष्ट्या ऐसा लगता है कि सिंह के पास भारत के बाहर काफी संपत्ति है।
विदेश जाने की अनुमति दी तो…
कोर्ट ने कहा कि अगर उन्हें विदेश जाने की अनुमति दी जाती है तो वे भारत वापस नहीं आ सकते हैं। इसलिए रेलिगेयर एंटरप्राइजेज लिमिटेड (आरईएल) और संबंधित संस्थाओं के मामलों में गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) की ओर से की जा रही जांच को लेकर उसके खिलाफ जारी लुक-आउट सर्कुलर (एलओसी) को निलंबित नहीं किया जा सकता है। उन्होंने यह कहते हुए सिंह की याचिका को खारिज कर दिया।
सत्र अदालत के आदेश को दी थी चुनौती
पूर्व प्रमोटर ने सत्र अदालत के 5 जून के आदेश को चुनौती दी थी जिसमें उन्हें विदेश यात्रा की अनुमति देने से इनकार कर दिया गया था। सत्र अदालत ने सिंह के खिलाफ एलओसी को निलंबित करने और उन्हें 14 जून से 4 जुलाई और 20 अगस्त से 20 सितंबर तक विदेश यात्रा करने की अनुमति देने के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया था। उसी आदेश को उन्होंने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
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कोर्ट ने कहा कि जीवन में एक बार होनेवाले अपने बेटे के स्नातक समारोह में शामिल होना किसी के जीवन में एक महत्वपूर्ण अवसर होता है। बेटे के लिए पिता के प्यार की भावनाओं को दरकिनार नहीं किया जा सकता है। लेकिन सर्वोच्च राष्ट्रीय हित को आगे बढ़ाने और उन हितधारकों के हितों की रक्षा करने के लिए इसे प्राथमिकता दी जानी चाहिए, जिन्हें आरईएल और अन्य कंपनियों में उनके कठिन परिश्रम से अर्जित निवेश से वंचित किया गया है।
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