देश

354 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी मामले में कांग्रेस नेता का करीबी बरी, कोर्ट ने ऐसे की ED की खिंचाई

राऊज एवेन्यू कोर्ट से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमल नाथ के भतीजे रतुल पुरी के करीबी सहयोगी नितिन भटनागर को बड़ी राहत मिल गई है. कोर्ट ने ईडी की खिंचाई करते हुए नितिन भटनागर को बरी कर दिया है. आरोप है कि सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया से कथित तौर पर 354 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई थी.

ईडी का आरोप है कि मामले में मुख्य आरोपी मोजर बेयर ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और अन्य बैंकों के साथ धोखाधड़ी की है और अपराध की कुल आय 7,980 करोड़ रुपये है. रतुल पुरी मोजर बेयर के कार्यकारी निदेशक थे.

न्यायाधीश ने फैसले में कहीं यह बातें

राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश संजीव अग्रवाल ने 17 अगस्त को दिए फैसले में कहा- बैंक ऑफ सिंगापुर में रिलेशनशिप मैनेजर के तौर पर काम करने वाले आरोपी को कैसे पता चल सकता है कि इस तरह के फंड धोखाधड़ी के पैसे का हिस्सा हैं.

ईडी के अनुसार अपराध में भटनागर की भूमिका यह थी कि उसने जॉन डोचेर्टी और रतुल पुरी को मामले के आरोपी राजीव सक्सेना से 20 मिलियन डॉलर की धनराशि प्राप्त करने में मदद करने के लिए आईपीएफ रियल एस्टेट ब्रोकर्स एलएलसी नामक एक रियल एस्टेट कंपनी की शुरुआत की थी.

पुरी के करीबी सहयोगी डोचेर्टी ने कथित तौर पर भटनागर से एक रियल एस्टेट कंपनी की व्यवस्था करने के लिए कहा था, ताकि 20 मिलियन डॉलर के हस्तांतरण में मदद करने और इन निधियों को बेदाग दिखाने के लिए “एक काल्पनिक लेनदेन जो एक वैध रियल एस्टेट सौदे के रूप में दिखाई देगा.

अदालत ने कहा आरोपी के पास ऐसा कोई उपकरण उपलब्ध नहीं था जिससे वह यह पता लगा सके कि यह वही पैसा है जिसके साथ वह रिलेशनशिप मैनेजर के तौर पर काम कर रहा था जिसे कैनरा बैंक और अन्य बैंकिंग संस्थाओं को धोखा देकर मोजर बेयर से निकाला गया है. अदालत ने साथ ही कहा कि लेन-देन 2012-13 में हुआ था लेकिन एफआईआर 2019 में दर्ज की गई थी.

अदालत ने बैंकों की भी खिंचाई की, जिनका काम ऐसे संदिग्ध लेनदेन की सूचना अधिकारियों को देना था. न्यायाधीश अग्रवाल ने कहा वे (बैंकिंग कंपनियां) अपराध के पैसे का पता लगाने में उचित परिश्रम प्रक्रियाओं का पालन करने में विफल रहीं.

ईडी की खिंचाई करते हुए अदालत ने कहा कि यह कहते हुए कि पैसा हवाला चैनल के जरिए गया था एजेंसी किसी भी हवाला डीलर के बयान दर्ज करने में विफल रही. अभियोजन पक्ष को खुद ही इस बात का यकीन नहीं है कि संबंधित लेन-देन की असली प्रकृति क्या है.

ईडी को राजीव सक्सेना के बयानों पर भरोसा करने के लिए भी फटकार लगाई गई, जो अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले के मामले में सरकारी गवाह बन गए थे. अदालत ने कहा कि सक्सेना के लिए “प्रशंसा के गीत गाना” “आश्चर्यजनक और निंदनीय” है.

गोपाल कृष्ण

Recent Posts

दिल्ली कोर्ट ने अमानतुल्ला खान की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर ED को नोटिस जारी कर मांगा जवाब

आप विधायक अमानतुल्ला खान को ओखला स्थित उनके आवास पर ईडी की छापेमारी के बाद…

6 hours ago

पूजा खेडकर की मुश्किलें बढ़ीं, दिल्ली हाईकोर्ट ने झूठे हलफनामे के मामले में जारी किया नोटिस

यूपीएससी ने अपने आवेदन में आरोप लगाया है कि खेडकर ने अग्रिम जमानत याचिका में…

6 hours ago

बिहार में शराबबंदी हटाना चाहिए या नहीं? PK ने कराया सर्वे, रिजल्ट ने किया हैरान

पार्टी के बनने से पहले प्रशांत किशोर लगातार घोषणाएं भी कर रहे हैं. ऐसा ही…

6 hours ago

झारखंड के सभी पूर्व CM मिलकर मुझे पद से हटाने में जुटे हैं: हेमंत सोरेन

हेमंत सोरेन ने कहा कि अगले 5 वर्ष में हर घर को मजबूत करने का…

7 hours ago

IND vs BAN, 1st Test: अश्विन के शतक और जडेजा के साहस से भारत मजबूत

IND vs BAN, 1st Test: भारत और बांग्लादेश के बीच टेस्ट सीरीज का आगाज हो…

8 hours ago

Ernst & Young: 26 वर्षीय CA की मौत की जांच कराएगी केंद्र सरकार, मां का पत्र- कंपनी के ‘वर्कलोड’ से गई मेरी बेटी की जान

अर्नस्ट एंड यंग (EY) में काम करने वाली CA अन्ना सेबास्टियन की हाल ही में…

9 hours ago