अर्न्स्ट एंड यंग (Ernst & Young/EY) की एक युवा कर्मचारी की कथित तौर पर ‘काम के अत्यधिक दबाव’ (Work Pressure) के कारण हुई मौत को लेकर देश में चर्चाओं का बयान गर्म है. इस घटना ने कंपनियों के टॉक्सिक एनवायरमेंट, वर्क कल्चर और कार्यस्थल पर बढ़ते तनाव को लेकर नई बहस को जन्म दे दिया है.
चर्चाओं और बहस के बीच भारतपे के पूर्व एमडी और शार्क टैंक इंडिया के जज रहे अशनीर ग्रोवर (Ashneer Grover) का 2 साल पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस वीडियो में वह अर्न्स्ट एंड यंग में अपने पहले दिन के बारे में बात करते दिख रहे हैं.
वीडियो में वे कहते हैं, ‘ग्रोफर्स के बाद मैं अर्न्स्ट एंड यंग को मैंने जॉइन किया. मेरे को ऐसे आइडिया नहीं था कि नेक्स्ट क्या करना है. अर्न्स्ट एंड यंग वालों ने बोला आपको 1 करोड़ रुपये देंगे, आपको पार्टनर बना देंगे, मैंने कहा ठीक है. 1 करोड़ रुपये मिल रहे हैं, हम भी पार्टनर बनकर देखते हैं. मैं उनके दफ्तर में घुसा हूं, एक राउंड मारा है और मैंने एक्टिंग करी है कि मेरी छाती में दर्द हो रहा है, मेरे को जाने दो.’
वे आगे कहते हैं, ‘भाई साहब, इतने मरे हुए लोग… मतलब क्रिया-कर्म करना रह गया था, सब लाशें पड़ी थीं. जहां पर लड़ाई हो रही है न, वो बेस्ट ऑफिस है. जहां पर कोई बोल रहा हो कि बड़ा टॉक्सिक कल्चर है, बहुत सही ऑफिस है. मतलब भाई काम तो वहीं पर हो रहा है. बाकी नॉन टॉक्सिक तो बहुत सारे मिल जाएंगे.’
मालूम हो कि महाराष्ट्र के पुणे में अर्न्स्ट एंड यंग के लिए काम करने वाली चार्टर्ड अकाउंटेंट अन्ना सेबेस्टियन पेरायिल की बीते 20 जुलाई को शहर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी. उन्हें बेचैनी और थकावट की शिकायत के बाद वहां भर्ती कराया गया था. बताया गया कि उनकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई है.
यह दुखद घटना तब सामने आई जब बीते 17 सितंबर को उनकी मां अनीता ऑगस्टीन द्वारा EY के इंडिया हेड को लिखा गया पत्र वायरल हो गया. पत्र में अनीता ने बताया कि कैसे उनकी बेटी कथित तौर पर अत्यधिक काम के दबाव में थी, जिससे उसका स्वास्थ्य प्रभावित हुआ और अंतत: उसकी मृत्यु हो गई. उन्होंने कंपनी के ‘नए माहौल’ पर भी प्रकाश डाला, जो भविष्य में अन्य कर्मचारियों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकता है.
हालांकि कंपनी ने इस बात से इनकार किया है कि ‘काम के दबाव’ के कारण उनकी मौत हुई. ईवाई इंडिया के चेयरमैन राजीव मेमानी ने कहा, ‘हमारे यहां करीब एक लाख कर्मचारी हैं. इसमें कोई शक नहीं है कि हर एक को कड़ी मेहनत करनी पड़ती है. अन्ना ने हमारे साथ सिर्फ चार महीने काम किया. उन्हें किसी भी अन्य कर्मचारी की तरह काम दिया गया था. हमें नहीं लगता कि काम के दबाव के कारण उनकी जान गई होगी.’
-भारत एक्सप्रेस
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