प्रसिद्ध कवि, फिल्म निर्माता और लेखक प्रीतीश नंदी का बुधवार (8 जनवरी) रात मुंबई में उनके आवास पर दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. नंदी एक बहुमुखी व्यक्तित्व और भारतीय मीडिया और संस्कृति में एक प्रमुख व्यक्ति थे. उन्होंने एक पत्रकार, कवि, फिल्म निर्माता और पूर्व राज्यसभा सदस्य के रूप में महत्वपूर्ण योगदान दिया है.
पत्रकार के रूप में उन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया के प्रकाशन निदेशक और द इलस्ट्रेटेड वीकली ऑफ इंडिया के संपादक के रूप में काम किया. नंदी का साहित्यिक योगदान भी उतना ही उल्लेखनीय है. वह एक प्रसिद्ध कवि थे, जिनके कई प्रशंसित संग्रह हैं.
दिग्गज अभिनेता अनुपम खेर ने सोशल मीडिया पर अपने दोस्त को श्रद्धांजलि दी. एक्स पर खेर ने एक भावनात्मक पोस्ट शेयर किया, जिसमें उन्होंने नंदी को न केवल उनकी रचनात्मक प्रतिभा के लिए बल्कि उनके व्यक्तिगत गुणों के लिए भी याद किया.
अनुपम ने लिखा, “मेरे सबसे प्यारे और करीबी दोस्तों में से एक प्रीतीश नंदी के निधन के बारे में जानकर बहुत दुख हुआ और सदमा लगा. अद्भुत कवि, लेखक, फिल्म निर्माता और एक साहसी और अद्वितीय संपादक/पत्रकार थे. वह मेरे सपोर्ट सिस्टम थे और मुंबई में मेरे शुरुआती दिनों में ताकत का एक बड़ा स्रोत थे.”
उन्होंने आगे लिखा, “हमारे बीच कई चीजें एक जैसी थी. वह उन सबसे निडर लोगों में से एक थे, जिनसे मैं मिला था. मैंने उनसे बहुत सी चीजें सीखीं. हाल ही में हम अक्सर नहीं मिलते थे. लेकिन एक समय था जब हम अविभाज्य थे. वह यारों के यार की सच्ची परिभाषा थे. मैं उनके साथ बिताए पलों को हमेशा याद करूंगा.”
प्रीतीश नंदी का जन्म बिहार के भागलपुर में एक बंगाली परिवार में हुआ था. वह एक बहुमुखी व्यक्तित्व के धनी थे. वह एक चित्रकार, कवि और प्रोड्यूसर भी थे. उन्होंने महाराष्ट्र का प्रतिनिधित्व करते हुए राज्यसभा के सदस्य के रूप में भी काम किया. वह तत्कालीन शिवसेना से संसद सदस्य के तौर पर उच्च सदन के लिए चुने गए थे.
उन्होंने अंग्रेजी में कविता की 40 पुस्तकें लिखी हैं और बंगाली, उर्दू और पंजाबी के अन्य लेखकों की कविताओं का अंग्रेजी में अनुवाद किया है. साथ ही ईशा उपनिषद का एक नया संस्करण भी लिखा है. इसके अलावा उन्होंने कहानियों और गैर-काल्पनिक पुस्तकों के साथ-साथ संस्कृत से शास्त्रीय प्रेम कविताओं के अनुवाद की तीन पुस्तकें भी लिखी हैं.
पत्रकारिता और साहित्य के क्षेत्र में अपने काम के अलावा नंदी ने फिल्म निर्माता के रूप में भी अपनी पहचान बनाई है. उन्होंने प्रीतीश नंदी कम्युनिकेशंस नामक प्रोडक्शन हाउस की स्थापना की, जिसने ‘प्यार के साइड इफेक्ट्स’, ‘मीराबाई नॉट आउट’, ‘अग्ली और पगली’, ‘शादी के साइड इफेक्ट्स’ और ‘झंकार बीट्स’ जैसी कई समीक्षकों द्वारा प्रशंसित और व्यावसायिक रूप से सफल फिल्में बनाई हैं. इसके अलावा वह पशु अधिकारों के लिए मुखर वकील रहे, उन्होंने पशु कल्याण संगठन पीपल फॉर एनिमल्स की सह-स्थापना की.
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-भारत एक्सप्रेस
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