गोवा के तट पर फ्रांसीसी नौसेना का प्रमुख विमानवाहक पोत *’शार्ल डि गॉल’ (Charles De Gaulle)* पहुंचा है. यह पोत भारत और फ्रांस के बीच रक्षा सहयोग को मजबूत करने और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई देने के उद्देश्य से भारतीय समुद्री क्षेत्र में आया है.
‘शार्ल डि गॉल’ फ्रांसीसी नौसेना का प्रमुख विमानवाहक पोत है, जो परमाणु ऊर्जा से संचालित होता है. इसे आधुनिक तकनीक और उन्नत हथियार प्रणालियों से लैस किया गया है. इसमें 40 से अधिक फाइटर जेट और हेलिकॉप्टर तैनात किए जा सकते हैं.
– यह पोत 42,500 टन वजनी है और इसकी लंबाई 261.5 मीटर है.
– इस पर मुख्य रूप से *Dassault Rafale M* लड़ाकू विमान और *E-2C Hawkeye* एयरबॉर्न अर्ली वॉर्निंग सिस्टम तैनात हैं.
– यह पोत दुनिया के सबसे शक्तिशाली विमानवाहक पोतों में से एक है और फ्रांस की समुद्री ताकत का प्रतीक है.
फ्रांसीसी नौसेना के इस पोत के गोवा आगमन के साथ ही भारतीय नौसेना के साथ एक *संयुक्त नौसैनिक अभ्यास* की योजना बनाई गई है. यह अभ्यास हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा को लेकर दोनों देशों के बीच गहराते सहयोग को दर्शाएगा.
– इस दौरान, समुद्री गश्ती, वायु रक्षा, पनडुब्बी रोधी संचालन, और आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षण शामिल होगा.
– भारतीय नौसेना का विमानवाहक पोत *आईएनएस विक्रांत* और अन्य जहाज भी इस अभ्यास में भाग ले सकते हैं.
भारत और फ्रांस के बीच हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बढ़ते सहयोग के तहत यह दौरा बेहद महत्वपूर्ण है. यह क्षेत्र वर्तमान में वैश्विक शक्ति संतुलन और व्यापार मार्गों की सुरक्षा के लिए रणनीतिक रूप से अहम है.
– भारत और फ्रांस ने पिछले कुछ वर्षों में नौसैनिक अभ्यासों, सैन्य तकनीक साझा करने और रक्षा उपकरणों के उत्पादन में साझेदारी को मजबूत किया है.
– दोनों देशों की नौसेनाएं *वरुण अभ्यास* जैसे नियमित सैन्य अभ्यासों में भी भाग लेती हैं.
भारत में फ्रांस के राजदूत ने इस यात्रा को “दोनों देशों के बीच मजबूत रक्षा संबंधों का प्रतीक” बताया. उन्होंने कहा कि यह यात्रा केवल एक सैन्य सहयोग नहीं, बल्कि दोनों देशों के बीच गहरी दोस्ती और साझा उद्देश्यों को दर्शाती है.
गोवा में फ्रांसीसी पोत के आगमन को लेकर स्थानीय नागरिकों और अधिकारियों में उत्साह है. इस अवसर पर भारतीय और फ्रांसीसी नौसेना के अधिकारियों के बीच औपचारिक बैठकें और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं.
भारत और फ्रांस के रक्षा संबंध हाल के वर्षों में तेजी से विकसित हुए हैं. दोनों देश राफेल लड़ाकू विमान की डील, नौसेना के लिए पनडुब्बियों के निर्माण, और साइबर सुरक्षा में भी सहयोग कर रहे हैं. फ्रांसीसी विमानवाहक पोत ‘शार्ल डि गॉल’ का यह दौरा न केवल समुद्री सुरक्षा को लेकर दोनों देशों के संकल्प को मजबूत करेगा, बल्कि भारत-फ्रांस संबंधों को एक नया आयाम भी देगा.
-भारत एक्सप्रेस
बिहार के कई हिस्सों में मंगलवार की सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए. भूकंप…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आगामी दौरा दोनों राज्यों में विकास कार्यों को गति देने और…
महाकुम्भ की वेबसाइट को हैंडल कर रही टेक्निकल टीम के प्रतिनिधि के अनुसार 4 जनवरी…
इस मुलाकात के दौरान डल्लेवाल ने यह भी बताया कि किसानों को अब भी कई…
Justin Trudeau Resignation: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सरकार और व्यक्तिगत आलोचनाओं के बीच…
Microsoft CEO Satya Nadella meets PM Modi: आज सत्या नडेला ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात…