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महाकुंभ 2025: 40 करोड़ श्रद्धालु पहुंचेंगे प्रयागराज, भीड़ प्रबंधन रेलवे के लिए बड़ी चुनौती

प्रयागराज में 2025 में होने वाले महाकुंभ के लिए तैयारियां जोरों पर हैं. यह धार्मिक आयोजन भारत का सबसे बड़ा और प्रतिष्ठित आयोजन माना जाता है, जिसमें करोड़ों श्रद्धालु भाग लेने के लिए देश-विदेश से प्रयागराज पहुंचते हैं. उत्तर मध्य रेलवे (North Central Railway) ने महाकुंभ के दौरान भीड़ प्रबंधन को एक बड़ी चुनौती बताते हुए विशेष तैयारियां शुरू कर दी हैं.

उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक ने बताया कि इस बार लगभग 40 करोड़ श्रद्धालुओं के प्रयागराज आने का अनुमान है, जो पिछले आयोजनों की तुलना में कहीं अधिक है. इस अभूतपूर्व संख्या के मद्देनजर रेलवे ने कई स्तरों पर कार्य योजना तैयार की है ताकि यात्री सुरक्षित और सुगमता से अपनी यात्रा पूरी कर सकें.

भीड़ प्रबंधन के लिए विशेष योजना

उत्तर मध्य रेलवे ने महाकुंभ के लिए निम्नलिखित कदम उठाए हैं:

1. अतिरिक्त ट्रेनों का संचालन:

महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए विशेष ट्रेनों का संचालन किया जाएगा. देश के अलग-अलग हिस्सों से प्रयागराज के लिए विशेष ट्रेनें चलाई जाएंगी.

2. स्टेशनों का अपग्रेडेशन:

प्रयागराज जंक्शन, प्रयागराज छिवकी और अन्य प्रमुख स्टेशनों पर यात्री सुविधाओं को अपग्रेड किया जा रहा है. प्लेटफॉर्म की संख्या बढ़ाई जा रही है, और यात्रियों की भीड़ को संभालने के लिए अतिरिक्त एंट्री और एग्जिट पॉइंट बनाए जा रहे हैं.

3. स्मार्ट भीड़ प्रबंधन प्रणाली:

भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और अन्य तकनीकों का उपयोग किया जाएगा. सीसीटीवी कैमरों के जरिए रियल-टाइम मॉनिटरिंग की जाएगी.

4. स्वास्थ्य और सुरक्षा व्यवस्था:

स्टेशनों पर मेडिकल कैंप, एंबुलेंस और आपातकालीन सेवाएं तैनात की जाएंगी. रेलवे पुलिस बल (RPF) और अन्य सुरक्षा बलों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी.

यात्रियों को सुविधाजनक यात्रा का आश्वासन

रेलवे ने कहा है कि सभी यात्रियों को सुविधा प्रदान करना उनकी प्राथमिकता है. रेलवे की योजना में विशेष ध्यान दिया गया है कि किसी भी श्रद्धालु को असुविधा न हो. ट्रेनों के टाइम-टेबल में संशोधन किया जा रहा है और टिकट बुकिंग प्रणाली को भी सरल बनाया गया है.

महाकुंभ की भव्यता और महत्ता

महाकुंभ भारत का एक ऐतिहासिक और आध्यात्मिक पर्व है, जो हर 12 साल में संगम (गंगा, यमुना और सरस्वती) के पवित्र संगम स्थल पर आयोजित होता है. इसमें डुबकी लगाना मोक्ष प्राप्ति और पापों से मुक्ति का प्रतीक माना जाता है. इस बार महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं की रिकॉर्ड संख्या की उम्मीद है, जो इसकी भव्यता को और अधिक बढ़ाएगी. रेलवे का यह कहना कि “भीड़ प्रबंधन हमारे लिए एक बड़ी चुनौती है”, इस आयोजन की विशालता और इसके प्रभाव को दर्शाता है. आगामी महीनों में रेलवे की तैयारियां और तेज होंगी. श्रद्धालुओं और प्रशासन की सामूहिक सहभागिता इस आयोजन को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाएगी.

-भारत एक्सप्रेस 

मिताली चंदोला, एडिटर, क्राइम एंड इंवेस्टिगेशन

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