जयपुर – राजस्थान में जारी राजनीतिक संकट के बीच गहलोत सरकार ने मंगलवार को बीजेपी की मेयर सौम्या गुर्जर को पद से बर्खास्त कर दिया. 23 सितंबर को इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में उठाया गया और राज्य सरकार को दो दिन बाद कार्रवाई करने को कहा गया. सोमवार को छुट्टी होने के कारण राज्य सरकार ने मंगलवार को मेयर को बर्खास्त करने का प्रस्ताव तैयार कर शहरी विकास मंत्री शांति धारीवाल को भेज दिया.
मंत्री की स्वीकृति मिलने पर स्वायत्तशासी शासन विभाग ने महापौर को पद से बर्खास्त करने और अगले छह वर्षों के लिए चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित करने का आदेश जारी किया. गौरतलब है कि जून 2021 में जयपुर नगर निगम ग्रेटर मुख्यालय में मेयर सौम्या गुर्जर, तत्कालीन आयुक्त यज्ञमित्र सिंह देव और अन्य पार्षदों के बीच हुई बैठक में विवाद की सूचना मिली थी. पार्षद और मेयर के बीच कमिश्नर से बहस हो गई. कमिश्नर बैठक को बीच में ही छोड़ कर चले गए थे. लेकिन पार्षदों ने उन्हें गेट पर ही रोक लिया, जिसके बाद विवाद और बढ़ गया. आयुक्त ने तीन पार्षदों पर मारपीट का आरोप लगाते हुए सरकार को लिखित शिकायत दी और ज्योति नगर थाने में मामला दर्ज कराया.
5 जून को सरकार ने मामले में हस्तक्षेप करते हुए मेयर सौम्या गुर्जर और पार्षद पारस जैन, अजय सिंह, शंकर शर्मा के खिलाफ मिली शिकायत की जांच स्वायत्त शासन निदेशालय के क्षेत्रीय निदेशक को सौंप दी. सरकार ने छह जून को जांच रिपोर्ट में चारों को दोषी मानते हुए सभी (महापौर और तीन पार्षदों) को पद से निलंबित कर दिया था. उसी दिन, सरकार ने उन सभी के खिलाफ न्यायिक जांच शुरू की. उसी महीने, राज्य सरकार ने एक आदेश जारी किया और पार्षद शील धाबाई को कार्यवाहक मेयर नियुक्त किया.
मेयर गुर्जर ने निलंबन को हाईकोर्ट में चुनौती दी, लेकिन 28 जून को हाईकोर्ट ने निलंबन आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. जुलाई में सौम्या गुर्जर ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर न्यायिक जांच पर रोक लगाने और निलंबन आदेश पर रोक लगाने की मांग की थी. 1 फरवरी 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने निलंबन आदेश पर रोक लगा दी, जिसके बाद सौम्या गुर्जर ने 2 फरवरी को मेयर की कुर्सी फिर से संभाल ली. सौम्या और तीन अन्य पार्षदों के खिलाफ न्यायिक जांच की रिपोर्ट 11 अगस्त को आई, जिसमें सभी को दोषी पाया गया था.
22 अगस्त को सरकार ने बीजेपी के तीन पार्षदों की सदस्यता समाप्त कर दी. इस न्यायिक जांच के आधार पर उन्हें सरकार ने हटा भी दिया है. इसके बाद सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर न्यायिक जांच की रिपोर्ट पेश की और मामले की जल्द सुनवाई की मांग की. शीर्ष अदालत ने 23 सितंबर को सरकार को आगे बढ़ने की अनुमति दी थी.
-आईएएनएस/ भारत एक्सप्रेस
Accidents on Highways: सड़क नियम और क़ानून को सख़्ती से लागू करने की ज़िम्मेदारी केवल…
Border Gavaskar Trophy: भारतीय कप्तान रोहित शर्मा 24 नवंबर को पर्थ पहुंच सकते हैं. वहीं…
Manipur Crisis: भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मणिपुर हिंसा पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन…
Terrorist Attack in Pakistan: पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा (केपी) के लोउर कुर्रम इलाके में यात्री…
Most Expensive Passport: दुनिया भर में, पासपोर्ट सबसे महत्वपूर्ण यात्रा दस्तावेज माना है जो आपको…
Kartik Aryan Birthday: फिल्म इंडस्ट्री में कई ऐसे कलाकार हैं, जिन्होंने एक समय पर खूब…