Gorakhpur: यूपी के गोरखपुर पुलिस का एक चेहरा देखकर आप गौरवान्वित महसूस करेंगे. ट्विटर पर इलाज के लिए खून मांगा था, जिसके बाद चौकी इंचार्ज खुद खून एक गर्भवती महिला और उसके नवजात शिशु की जान बचा ली। पुलिसकर्मी की इस कार्यशैली ने महकमे का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया. सोशल मीडिया पर लोग दारोगा की तारीफ कर रहे हैं. परिजनों का कहना है कि पुलिस का इंसानियत भरा चेहरा बहुत कम देखने को मिलता है, हम ऐसे पुलिस वाले को सैल्यूट करते हैं.
मामला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शहर गोरखपुर (Gorakhpur) का है. यहां रहने वाली एक गर्भवती महिला से जुड़ा है, महिला का नाम निधि राय है. जिन्हें गंभीर हालत में छात्रसंघ चौराहे पर मौजूद एक प्राइवेट हॉस्पिटल में सोमवार को भर्ती कराया गया था. महिला की गंभीर स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने ऑपरेशन की सलाह दी और दो यूनिट खून की मांग की।
खून की तत्काल व्यवस्था न होते देख गर्भवती महिला के पति ने अपने एक मित्र से ट्विटर पर पुलिस से मदद की गुहार लगाने को कहा. जिसके बाद ट्विटर पर पुलिस से दो यूनिट खून की मदद मांगी. ये ट्वीट पुलिस के बड़े अफसरों तक पहुंचा, जिसके बाद उन्होंने इस बात सूचना शहर के सभी पुलिसकर्मी तक पहुंचाई. अधिकारी का मैसेज देख गोरखपुर विश्वविद्यालय के चौकी इंचार्ज अमित चौधरी फर्ज और इंसानियत की याद आई. और तुरंत हॉस्पिटल पहुंच गए.
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चौकी इंचार्ज अमित चौधरी ने अपना परिचय दिया और कहा कि मैं खून दूंगा. इस बात को सुनकर परिजनों के चेहरे पर मुस्कान आ गई. चौकी इंचार्ज अमित चौधरी ने गर्भवती महिला को अपना खून दिया, जिससे उस गर्भवती महिला और उसके पेट में पल रहे बच्चे की जान बचाई जा सकी.
-भारत एक्सप्रेस
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