कनाडा सरकार को खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर मर्डर केस में बड़ा झटका लगा है. इस मामले में गिरफ्तार सभी चार आरोपियों को अदालत ने जमानत दे दी है. अब इस केस की अगली सुनवाई 11 फरवरी 2025 को ब्रिटिश कोलंबिया सुप्रीम कोर्ट में होगी.
हरदीप सिंह निज्जर की हत्या 18 जून 2023 को कनाडा के सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर कर दी गई थी. इस हत्याकांड में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था. हालांकि, यह मामला तब वैश्विक चर्चा में आया जब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस हत्या में भारत सरकार के एक एजेंट का हाथ हो सकता है. भारत ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था.
इस केस में 22 वर्षीय करन बरार (Karan Brar), 22 वर्षीय कमलप्रीत सिंह (Kamalpreet Singh), 28 वर्षीय करनप्रीत सिंह और 21 वर्षीय अमनदीप सिंह को गिरफ्तार किया गया था. इन पर फर्स्ट डिग्री मर्डर और हत्या की साजिश रचने का आरोप है.
इनमें से तीन आरोपी भारतीय नागरिक हैं, जो कनाडा में एडमॉन्टन (Edmonton) में रह रहे थे. वे 2021 में टेंपरेरी वीजा (Temporary Visa) पर कनाडा पहुंचे थे. इनमें से कुछ ने स्टूडेंट वीजा लिया था, लेकिन किसी ने भी पढ़ाई नहीं की. इन तीनों को ‘K ग्रुप’ के नाम से भी जाना जा रहा है क्योंकि इनके नाम K अक्षर से शुरू होते हैं.
हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद तत्कालीन कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) ने संसद में खड़े होकर सीधे भारत पर आरोप लगाए थे. इसके बाद से ही भारत और कनाडा के रिश्तों में तनाव आ गया. भारत ने ट्रूडो और उनकी पार्टी पर खालिस्तानी समर्थकों को बढ़ावा देने और वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया था.
हालांकि, इस मामले में जनवरी 2024 में कनाडा की पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जोडी थॉमस ने कहा था कि भारत, निज्जर की हत्या की जांच में कनाडा के साथ सहयोग कर रहा है.
हरदीप सिंह निज्जर खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) का प्रमुख था और लंबे समय से कनाडा में रहकर भारत विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा था. 2018 में जब ट्रूडो भारत दौरे पर आए थे, उस समय पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने खालिस्तानी आतंकियों की एक सूची उन्हें सौंपी थी, जिसमें निज्जर का भी नाम शामिल था.
2020 में भारत सरकार ने उसे आधिकारिक रूप से आतंकी घोषित किया. उसके खिलाफ 2010 में पटियाला के एक मंदिर के बाहर हुए बम विस्फोट सहित कई आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के मामले दर्ज थे.
इस मामले की अगली सुनवाई 11 फरवरी 2025 को ब्रिटिश कोलंबिया सुप्रीम कोर्ट में होगी. फिलहाल सभी आरोपी जमानत पर हैं और आगे की कानूनी प्रक्रिया का इंतजार कर रहे हैं.
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-भारत एक्सप्रेस
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