स्वराज अभियान द्वारा मनरेगा को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 9 फरवरी को सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट देश में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम 2005 (मनरेगा) के तहत श्रमिकों की स्थिति के निवारण के लिए निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा है। याचिका में दावा किया गया है कि ज्यादातर राज्यों में श्रमिकों की लंबित मजदूरी नकारात्मक शेष राशि के साथ जमा हो रही है। याचिका में कहा गया है कि करोड़ों श्रमिक संकट में हैं क्योंकि धन की कमी वाले राज्यों के पास केंद्र की प्रमुख 100-दिवसीय नौकरी योजना मनरेगा के तहत 9,682 करोड़ रुपये का वेतन बकाया है। महामारी के कारण लाभार्थियों में और बढ़ोतरी हुई है।
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