Mizoram Bombing: मिजोरम बमबारी मामले को लेकर बीजेपी आईटी विभाग के इंचार्ज अमित मालवीय ने जैसे ही सचिन पायलट के स्वर्गीय पिता राजेश पायलट पर निशाना साधा तो राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने पलटवार किया. सीएम गहलोत ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस नेता राजेश पायलट भारतीय वायुसेना के वीर पायलट थे. उनका अपमान करके भाजपा भारतीय वायुसेना के बलिदान का अपमान कर रही है. वहीं गहलोत के इस बयान पर अमित मालवीय ने कहा कि आप (अशोक गहलोत) सच में उनके प्रति श्रद्धा का भाव रखते तो उनके बेटे सचिन पायलट को अपने मंत्रिमंडल से बेइज्जत करके बर्खास्त नहीं करते.
अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) पर लिखा, “चलिए, आपको राजेश पायलट के सम्मान की चिंता तो हुई. लेकिन अगर आप सच में उनके प्रति श्रद्धा का भाव रखते तो उनके बेटे सचिन पायलट को अपने मंत्रिमंडल से बेइज्जत करके बर्खास्त नहीं करते और सार्वजनिक रूप से उनके लिए अमर्यादित निकम्मा-नकारा-कोरोना-ग़द्दार जैसे शब्दों का भी इस्तेमाल नहीं करते. हर बार जब आपने सचिन पायलट का अपमान किया, तब-तब क्या आपको राजेश पायलट के सम्मान की चिंता नहीं हुई?”
वहीं अमित मालवीय के इस ट्वीट का जवाब देते हुए गहलोत ने उन्हें ‘भाजपा के लिए बोझ’ करार दिया है. न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए गहलोत ने कहा, “राजेश पायलट और मैंने साथ में राजनीतिक की शुरूआत की थी. अमित मालवीय जो भी बोल रहे हैं वह झूठ है. उनका धंधा ही वही है, झूठी खबरें फैलाना. वह अब भाजपा के लिए बोझ बन गए हैं क्योंकि जनता समझ गई है कि वह भाजपा की ओर से फर्जी खबरें फैलाते हैं.”
वहीं राजस्थान के सीएम ने नेहरू स्मारक संग्रहालय एवं पुस्तकालय का नाम बदलकर प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्तकालय सोसायटी किए जाने को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा और इस कदम को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ करार दिया. सीएम गहलोत ने ‘एक्स’ (पहले ट्विटर) पर लिखा,‘‘केंद्र की राजग सरकार अपने पूर्ववर्ती प्रधानमंत्रियों द्वारा किए गए कार्यों का नाम बदलने के लिए किस स्तर तक जाएगी यह समझ के परे है. यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है.’’
राजस्थान के सीएम गहलोत ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के कामों का जिक्र करते हुए लिखा,‘‘किसी भी प्रधानमंत्री को तो गर्व होना चाहिए कि इस देश को पंडित जवाहरलाल नेहरू जैसे पहले प्रधानमंत्री मिले जिन्होंने 17 साल के कार्यकाल में मजबूत भारत की आधारशिला रखी और आईआईटी, आईआईएम, बीएआरसी, भेल, योजना आयोग, भाखड़ा नांगल बांध, नागार्जुन सागर बांध और कई अन्य परियोजनाओं के अलावा कई अग्रणी संस्थान दिये जिनकी भारत के विकास में अहम भूमिका है. गुट निरपेक्ष आंदोलन (एनएएम) और पंचशील के सिद्धांत पंडित नेहरू की देन हैं.’’
-भारत एक्सप्रेस
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