वाराणसी की जिला अदालत ने आज को ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी केस में सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया है. अब इस मामले की सुनवाई 8 नवंबर को होगी. अगली सुनवाई में कोर्ट यह तय करेगा कि भगवान आदि विश्वेश्वर विराजमान का केस सुनने योग्य है या नहीं.
गुरुवार को वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिवीजन महेंद्र पाण्डेय ने फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई करते हुए मामले पर अगली तारीख दे दी है. इस केस में हिन्दू पक्ष के वकीलों की तरफ से 15 अक्टूबर को बहस पूरी हो चुकी है. अब अगले महीने वाराणसी जिला जजों की पीठ अगले महीने 8 नवंबर को इस पर सुनवाई करेगी.
बता दें हिंदू पक्ष की तरफ से ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मिले कथित शिवलिंग के बाद स्वयंभू ज्योतिर्लिंग की पूजा शुरू कराने और परिसर में मुसलमानों का प्रवेश वर्जित करने की मांग को लेकर याचिका डाली गई थी. जबकि मुस्लिम पक्ष का कहना है कि, शिवलिंग जैसी दिख रही आकृति शिवलिंग नहीं बल्कि फव्वारा है.
इस मामले में इसी साल मई महीने में अदालत के आदेश पर ज्ञानवापी परिसर का सर्वे कराया गया था. इस सर्वे में ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने से शिवलिंग रूप की आकृति मिली थी. हिन्दुओं की मांग थी कि इस कथित शिवलिंग पर उन्हें पूजा का अधिकार मिले और गैर-हिन्दुओं का प्रवेश वर्जित किया जाए. इसके अलावा, परिसर का पूरा अधिकार हिन्दुओं को ही सौंपा जाए.
तब से लेकर आज तक वाराणसी जिला अदालत में कई दौर की सुनवाई हो चुकी है. लेकिन अब तक इस पर कोई फैसला नहीं आ सका है. गुरुवार को इस मामले पर सुनवाई पूरी करने के बाद जजों ने इसे अपने पास सुरक्षित रख लिया है और अगली सुनवाई के लिए 8 नवंबर की तारीख तय की है.
-भारत एक्सप्रेस
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