Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद आज शाम प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में ढाई घंटे की सुरक्षा समीक्षा बैठक हुई. जिसमें आतंक के विरुद्ध केंद्र सरकार ने बेहद सख्त रूख अपनाते हुए पाकिस्तान पर कूटनीतिक प्रहार किए.
प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में 7 लोक कल्याण मार्ग स्थित उनके आवास पर यह बैठक शाम 6:30 बजे शुरू हुई और रात 9 बजे तक चली. बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल शामिल रहे.
यह निर्णय पाकिस्तान को कूटनीतिक रूप से अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अलग-थलग करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है.
इसका आकलन करें तो, कहा जा सकता है कि हमारी सरकार ने अब तक का सबसे सख्त रुख अपनाया है. मंगलवार दोपहर को हुए पहलगाम हमले में अब तक 26 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें एक नेपाली नागरिक भी शामिल है. इस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया और इसी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की आपात बैठक बुलाई.
जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के प्रॉक्सी संगठन द रजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली है. प्रारंभिक जांच में बताया गया है कि हमले में कुल 5 आतंकी शामिल थे, जिनमें दो स्थानीय और तीन पाकिस्तानी नागरिक थे.
सुरक्षा एजेंसियों ने तीन संदिग्ध आतंकियों के स्केच भी जारी किए हैं, जिनकी पहचान आसिफ फौजी, सुलेमान शाह और अबु तल्हा के रूप में की गई है. इस हमले का मास्टरमाइंड लश्कर-ए-तैयबा का डिप्टी चीफ सैफुल्लाह खालिद बताया गया है, जो वर्तमान में पाकिस्तान में छिपा हुआ है.
पहलगाम हमले के तुरंत बाद भारतीय सेना और सुरक्षा बलों ने कश्मीर के कुलगाम और बारामूला जिलों में सघन तलाशी अभियान शुरू किया.
बारामूला में LoC के पास दो आतंकियों को घुसपैठ की कोशिश करते हुए मार गिराया गया. वहीं, कुलगाम में आतंकियों के साथ मुठभेड़ जारी है. सेना ने वहां कुछ आतंकियों को चारों ओर से घेर लिया है. भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया है.
घटना के बाद दक्षिण कश्मीर के विभिन्न इलाकों से दर्जनों लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है. स्थानीय सुरक्षाबलों और इंटेलिजेंस एजेंसियों की टीम अलग-अलग स्थानों पर तलाशी अभियान चला रही हैं.
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने आज एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई, जिसमें गृहमंत्री अमित शाह के निर्देशों को जल्द लागू करने पर चर्चा की गई. उन्होंने कहा कि भारत सरकार इस हमले का कड़ा जवाब देगी.
वहीं, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भी कहा कि भारत की ज़ीरो टॉलरेंस पॉलिसी के तहत आतंकवाद को जड़ से समाप्त किया जाएगा. उन्होंने कहा, “हम उन तक भी पहुंचेंगे, जो पर्दे के पीछे बैठकर इस साजिश को अंजाम दे रहे हैं.”
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे भी प्रभावित पर्यटकों की मदद के लिए आज रात श्रीनगर के लिए रवाना हो गए हैं.
हमले के बाद आंध्र प्रदेश के मंत्री नारा लोकेश ने प्रधानमंत्री मोदी से अपील की है कि आतंकियों को ऐसा सबक सिखाया जाए जो वे कभी न भूलें. उन्होंने कहा, “यह नृशंस हमला सभ्य समाज पर सीधा हमला है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.”
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, आने वाले दिनों में भारत पाकिस्तान के खिलाफ और भी कड़े कदम उठा सकता है, जिसमें व्यापारिक और कूटनीतिक रिश्तों को और सीमित करना शामिल हो सकता है. इस हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान की भूमिका को उजागर करने की रणनीति भी तैयार की जा रही है.
-भारत एक्सप्रेस
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