कनाडा (Canada) से भारत (India) वापस बुलाए गए उच्चायुक्त (High Commissioner) संजय कुमार वर्मा (Sanjay Kumar Verma) ने गुरुवार (24 अक्टूबर) शाम एक इंटरव्यू में बताया कि कनाडा में भारतीय छात्रों (Indian Students) को अपने आसपास की चीजों के बारे में जागरूक रहना चाहिए और खालिस्तानी आतंकवादियों और चरमपंथियों द्वारा कट्टरपंथीकरण के प्रयासों का विरोध करना चाहिए.
उन्होंने कनाडा में रह रहे छात्रों के माता-पिता से आग्रह किया कि वे “उनसे लगातार बातचीत करें और उनकी स्थिति को समझने की कोशिश करें” और उन्हें गलत विकल्पों से दूर रहने में मार्गदर्शन दें.
संजय वर्मा ने कहा कि इस समय कनाडा में खालिस्तानी आतंकवादियों और चरमपंथियों से बड़े भारतीय समुदाय को खतरा है, जिसमें छात्र भी शामिल हैं, जिनकी संख्या 2023 तक लगभग 3,19,000 थी. उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था की स्थिति को देखते हुए कनाडा में नौकरियां कम हैं, इसलिए छात्रों को पैसे और भोजन की पेशकश की जाती है और इस तरह खालिस्तानी आतंकवादी और चरमपंथी उन्हें अपनी योजनाओं के साथ प्रभावित कर लेते हैं.
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उन्होंने कहा कि कुछ छात्रों को कनाडा में भारतीय राजनयिक भवनों के बाहर विरोध प्रदर्शन करते हुए, भारत विरोधी नारे लगाते हुए या झंडे का अपमान करते हुए फोटो या वीडियो लेने के लिए राजी किया जाता है. फिर उन्हें यह कहते हुए शरण (Asylum) लेने के लिए कहा जाता है कि ‘अगर वे अब भारत वापस जाते हैं, तो उन्हें दंडित किया जाएगा’. उन्होंने कहा कि ऐसे छात्रों को शरण दिए जाने के मामले सामने आए हैं.
संजय वर्मा ने छात्रों के अभिभावकों से अपील की कि कनाडा में भारतीय छात्रों पर विभिन्न प्रकार के नकारात्मक प्रभाव काम कर रहे हैं जो उन्हें गलत दिशा की ओर धकेल रहे हैं.
मालूम हो कि उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब भारत-कनाडा कूटनीतिक संबंध प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) के बार-बार के निराधार दावों के कारण खराब हो रहे हैं. उनका दावा है कि दिल्ली के ‘एजेंट’ लॉरेंस बिश्नोई संगठन सहित आपराधिक गिरोहों के साथ मिलकर कनाडा में ‘दक्षिण एशियाई लोगों को निशाना बनाने’ की साजिश रच रहे हैं.
बीते 15 अक्टूबर को कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा भारत के एजेंटों पर खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर (Hardeep Singh Nijjar) की हत्या और अन्य आरोपों के बाद दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों में तनाव बढ़ गया है. जिसके बाद से दोनों देशों ने एक दूसरे के उच्चायुक्त को वापस भेज दिया है.
इस विवाद की शुरुआत पिछले वर्ष सितंबर में तब हुई थी जब ट्रूडो ने आरोप लगाए थे कि भारत सरकार खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर, जो एक कनाडाई नागरिक है, की हत्या में शामिल थी.
-भारत एक्सप्रेस
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