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‘वन स्टेशन वन प्रोडक्ट’ से स्वदेशी उत्पादों को मिल रहा बढ़ावा, 1,854 आउटलेट्स का नेतृत्व कर रही हैं महिलाएं

One Station One Product: भारत भर के रेलवे स्टेशनों पर स्थानीय शिल्प और उत्पादों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से केंद्र सरकार की ओर से शुरू की गई वन स्टेशन वन प्रोडक्ट (OSOP) स्कीम तेजी के साथ बढ़ रही है. इसके तहत भारत के समृद्ध और विविध स्थानीय उत्पादों को प्रदर्शित करने वाले 1,854 आउटलेट्स संचालित किए जा रहे हैं. अकेले मध्य रेलवे में इनमें से 157 आउटलेट हैं, जो पहल के प्रति अपनी मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाता है.

महिलाएं कर रही हैं नेतृत्व

मध्य रेलवे के भीतर , भुसावल डिवीजन में 25 परिचालन ओएसओपी आउटलेट्स हैं, जो सभी संपन्न हैं और स्थानीय अर्थव्यवस्था में सक्रिय रूप से योगदान दे रहे हैं , भुसावल डिवीजनल रेलवे मैनेजर इति पांडे ने जानकारी देते हुए बताया, संचालित किए जा रहे इन सभी OSOP आउटलेट्स का नेतृत्व महिलाओं द्वारा किया जाता है. उन्होंने कहा कि ओएसओपी का यह व्यापक कार्यान्वयन रेलवे स्टेशनों को जीवंत बाज़ारों में बदलने के सरकार के दृष्टिकोण को दर्शाता है, जो स्थानीय शिल्प कौशल को बढ़ावा दे रहा है. इस योजना को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए रेल मंत्रालय ने विभिन्न नीतियों के तहत बदलाव किए हैं.

रेलवे स्टेशन पर स्वदेशी उत्पादों का बाजार

अब महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशनों पर स्वदेशी उत्पादों के लिए बाज़ार तैयार हो गया है . ये स्टॉल न केवल यात्रियों को भारत की समृद्ध विरासत का अनुभव करने का अवसर देते हैं, बल्कि समाज के हाशिए पर पड़े वर्गों के लिए अतिरिक्त आय के अवसर भी प्रदान करते हैं. शुरुआत में न्यूनतम पंजीकरण शुल्क के साथ 15 दिनों की अवधि के लिए आवंटित किए गए इन आउटलेट्स को अब तीन महीने के लिए आवंटित किया जा रहा है, जहां भी मांग है. इस बदलाव का उद्देश्य स्थानीय उद्यमियों को स्थिरता और विकास के अवसर प्रदान करना है.

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ओएसओपी पहल ने भुसावल डिवीजन में महिलाओं को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण प्रगति की है. महिला उद्यमी भुसावल और जलगांव में पैठनी साड़ियों और पर्स से लेकर पैक किए गए भुने हुए उत्पादों और अकोला में बांस शिल्प तक के स्थानीय उत्पादों का प्रदर्शन कर रही हैं. हर जगह महिलाएँ ही हैं. इन उद्यमों का नेतृत्व निम्न आय वर्ग की महिलाएँ कर रही हैं. इति पांडे ने कहा कि ये आउटलेट न केवल लाभ कमाने के मंच बन रहे हैं, बल्कि वे समुदाय की अन्य महिलाओं को प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर भी प्रदान कर रहे हैं.

-भारत एक्सप्रेस

Shailendra Verma

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