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ईरान में मारे गए पाकिस्तानी नागरिकों के परिजन कर रहे शवों की वापसी का इंतजार, सरकार से लगाई गुहार

ईरान के मेहरिस्तान क्षेत्र में हाल ही में मारे गए आठ पाकिस्तानी नागरिकों की हत्या ने पूरे पाकिस्तान को झकझोर कर रख दिया है. इन सभी मृतकों के परिजन अब अपने प्रियजनों के शवों की वापसी का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं और उन्होंने पाकिस्तान सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की अपील की है.

मृतक सभी बहावलपुर जिले के रहने वाले थे और ईरान में एक कार वर्कशॉप में काम कर रहे थे. बताया जा रहा है कि ये सभी एक ही परिवार से संबंध रखते थे और लगभग सात साल पहले अवैध रूप से रोजगार की तलाश में ईरान गए थे. मृतकों में शामिल नदीम की जल्द ही शादी होने वाली थी, जिसे लेकर परिवार में खुशी का माहौल था. अब परिजन सदमे में हैं और शवों की वापसी की मांग कर रहे हैं.

हत्या की जिम्मेदारी बलोच नेशनलिस्ट आर्मी ने ली

यह जघन्य घटना ईरान के मेहरिस्तान इलाके में हुई, जो पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा से करीब 230 किलोमीटर दूर स्थित है. मृतकों के शव हाथ-पैर बंधे हुए हालत में मिले, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह सुनियोजित और निर्मम हत्या थी. बलोच अलगाववादी संगठन ‘बलोच नेशनलिस्ट आर्मी’ (बीएनए) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है. संगठन ने दावा किया है कि मृतकों को उनके पंजाबी मूल के कारण निशाना बनाया गया.

पीड़ितों के परिजनों ने सरकार से भावुक अपील करते हुए कहा, “हम सिर्फ इतना चाहते हैं कि हमारे प्रियजनों के शव वापस लाए जाएं, ताकि हम उन्हें सम्मानपूर्वक दफना सकें और उनके लिए प्रार्थना कर सकें.” परिवारों का कहना है कि वे बेहद दुख और पीड़ा में हैं और सरकार से तत्काल कार्रवाई की अपेक्षा रखते हैं.

पाकिस्तान सरकार की कूटनीतिक पहल

पाकिस्तान सरकार ने ईरानी अधिकारियों से इस हत्याकांड की गहन जांच और शवों की शीघ्र वापसी की मांग की है. विदेश कार्यालय ने एक बयान में कहा कि उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री के निर्देश पर तेहरान स्थित पाकिस्तानी दूतावास और ज़ाहिदान स्थित कांसुलेट ईरानी अधिकारियों के लगातार संपर्क में हैं, ताकि शवों की वापसी को सुनिश्चित किया जा सके.

प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस निर्मम हत्याकांड पर गहरी चिंता जताई है और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है. वहीं, पाकिस्तान स्थित ईरानी दूतावास ने इस हमले की निंदा करते हुए इसे “अमानवीय और कायरतापूर्ण” करार दिया. दूतावास ने कहा कि आतंकवाद और उग्रवाद से लड़ने के लिए सभी देशों को मिलकर संयुक्त प्रयास करने होंगे.

यह घटना न केवल मानवता को शर्मसार करती है, बल्कि क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा के लिए भी एक बड़ा खतरा है. अब सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि पाकिस्तान सरकार कब तक शवों की वापसी सुनिश्चित करती है और इस निर्मम हत्याकांड के दोषियों को कैसे सजा दिलाई जाती है.

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-भारत एक्सप्रेस

Aarika Singh

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