Kidney racket exposed: कथित तौर पर किडनी बेचकर पैसा कमाने का वादा करने वाली एक फेसबुक पोस्ट के बाद सीएम फ्लाइंग स्क्वाड की टीम और जिला स्वास्थ्य विभाग एंव गुरुग्राम पुलिस की एक संयुक्त टीम ने जयपुर के दो निजी अस्पतालों में पैसे के लिए अवैध रूप से किडनी ट्रांसप्लांट कराने वाले एक रैकेट का भंडाफोड़ किया है.
पुलिस ने कहा ये गिरोह कथित तौर पर मरीज और दाता (Doner) को गुरुग्राम के एक होटल में रुकवाता था और प्रत्यारोपण के बाद किडनी प्राप्तकर्ताओं (Receiver) से 10 लाख रुपये लेकर डोनर को 2 लाख रुपये देता था.
टीम ने बीते गुरुवार (4 अप्रैल) को एक होटल पर छापा मारा, जहां उन्हें कथित तौर पर दो किडनी डोनर और तीन रिसीवर मिले. सदर थाने में एफआईआर दर्ज कर ली गई है और पुलिस गिरोह के मास्टरमाइंड झारखंड के रहने वाले मोहम्मद मुर्तजा अंसारी को पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही है.
पुलिस ने कहा कि गुरुग्राम के डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. पवन चौधरी द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार, सेक्टर 39 में बाबिल पैलेस में एक गुप्त सूचना के बाद छापा मारा गया था. सूचना थी कि इस गेस्ट हाउस में अंसारी द्वारा अंग प्रत्यारोपण का एक गिरोह चलाया जा रहा था.
पुलिस ने आगे कहा कि जब छापेमारी टीम गेस्ट हाउस पहुंची, तो उसके मालिक रोहित ने खुलासा किया कि पांच मेहमान, जो कथित तौर पर पर बांग्लादेश से थे, यहां पे रुके हुए हैं और उन्हें संदेह था कि वे अंसारी के द्वारा यहां लाए गए मरीज थे, जिसकी सूचना के बाद पुलिस ने वहां छापा मारा. हालांकि छापेमारी के दौरान अंसारी वहां मौजूद नहीं था. शिकायत के बाद सदर पुलिस स्टेशन में अंसारी और अन्य के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी), 120बी (आपराधिक साजिश) और मानव अंग और ऊतक प्रत्यारोपण अधिनियम 1994 की धारा 19 के तहत एफआईआर दर्ज की गई.
मामले के जांच अधिकारी एएसआई तरुण कुमार ने कहा, ‘होटल में हमें मिले एक डोनर ने फेसबुक पोस्ट के जरिये अंसारी से संपर्क किया. किडनी डोनर के लिए सौदा 2 लाख रुपये में तय हुआ, जबकि प्राप्तकर्ता से 10 लाख रुपये लिए गए. हम जांच कर रहे हैं कि पासपोर्ट असली थे या नहीं. अब तक, हमने पाया है कि दो ऑपरेशन हुए, एक का रिसीवर होटल में था, जबकि डोनर बांग्लादेश वापस चला गया था. दूसरे मामले में डोनर होटल में था और रिसीवर अभी भी अस्पताल में था.’
उन्होंने कहा, सर्जरी जयपुर के एक अस्पताल में की गई, जिसके बाद उन्हें गुरुग्राम लाया गया और वापस भेजे जाने से पहले 10-12 दिनों के लिए होटल में रखा गया. छापे के समय आरोपी होटल में नहीं था.’
एसीपी (सदर) कपिल अहलावत ने कहा कि वे मास्टरमाइंड अंसारी के साथ बांग्लादेश के नागरिक भारत कैसे आए, इस बात की जांच कर रहे हैं.
मामले में शिकायत दर्ज कराने वाले डॉ. चौधरी ने कहा कि मेहमानों (सभी बांग्लादेश के निवासी) से बातचीत के दौरान यह पता चला कि वे किडनी के डोनर और रिसीवर थे और उनका इलाज जयपुर के एक अस्पताल में किया गया था.
उन्होंने कहा, ‘डोनर और रिसीवर के बीच किसी तरह का खून का संबंध नहीं था. जब उनसे अनापत्ति प्रमाण पत्र या प्राधिकरण से किसी अनुमति के बारे में पूछताछ की गई तो वे ऐसा कोई दस्तावेज नहीं दे सके.’
डॉ. चौधरी ने अपनी शिकायत में कहा है, ‘एक डोनर शमीम मेहंदी हसन ने खुलासा किया कि उन्हें किडनी बेचकर पैसे कमाने के बारे में फेसबुक विज्ञापन के माध्यम से एक व्यक्ति के बारे में पता चला और उन्होंने मोहम्मद मुर्तजा अंसारी से संपर्क किया. यह मानव अंगों और ऊतकों के प्रत्यारोपण अधिनियम 1994 का उल्लंघन और धोखाधड़ी का काम है.’
-भारत एक्सप्रेस
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