देश

Delhi Riots: ‘अटेम्प्ट टू मर्डर’ के आरोप को रद्द करने की मांग, खालिद सैफी ने खटखटाया High Court का दरवाजा

दिल्ली दंगे के एक मामले में हत्या की कोशिश के आरोप को रद्द करने की मांग को लेकर ‘यूनाइटेड अगेंस्ट हेट’ के संस्थापक खालिद सैफी ने दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. सैफी ने अपनी याचिका में कहा है कि जब उसके खिलाफ शस्त्र अधिनियम के तहत आरोप हटा दिए गए हैं और न उसके पास से कोई हथियार बरामद किया गया और न ही उन पर कथित रूप से गोली चलाने का आरोप है तो फिर तत्कालीन भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 307 (हत्या का प्रयास) के तहत आरोप तय नहीं किया जा सकता है.

याचिका पर विचार करने से कोर्ट का इनकार

न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी ने मौखिक रूप से कहा कि घटनास्थल पर सैफी की मौजूदगी और उकसावे को लेकर गवाहों के बयानों को देखते हुए वह याचिका पर विचार करने के इच्छुक नहीं हैं. उन्होंने कहा कि मैं आदेश पारित करूंगा. न्यायमूर्ति ने यह भी कहा कि एक की करनी, सभी की करनी. लेकिन उसके वकील इस बात की जिरह कर सकते हैं कि उनके मुवक्किल घटना के समय मौजूद थे या नहीं.

2020 में हुआ था दिल्ली दंगा

बता दें कि उत्तर पूर्वी दिल्ली में 24 फरवरी, 2020 को उस समय सांप्रदायिक दंगे भड़क गए थे, जब संशोधित नागरिकता कानून के समर्थकों और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसा भड़क गई थी. दंगे में कम से कम 53 लोग मारे गए थे और लगभग 700 लोग घायल हुए थे.

जगतपुरी थाने में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, 26 फरवरी, 2020 को उत्तर-पूर्वी दिल्ली के खुरेजी खास इलाके में मस्जिदवाली गली में भीड़ जमा हो गई थी. भीड़ ने पुलिस के हटने के आदेश का पालन करने से इनकार कर दिया था और उसपर पथराव व हमला किया था. भीड़ में से किसी ने हेड कांस्टेबल योगराज पर गोली भी चलाई थी.

यह भी पढ़ें- ट्रेनी IAS की अग्रिम जमानत याचिका को पटियाला कोर्ट ने किया रद्द, दिल्ली पुलिस ने कहा- पूजा खेडकर ने जान-बूझकर की गड़बड़ी

भीड़ को उकसाने का आरोप

पुलिस के अनुसार सैफी और पूर्व कांग्रेस पाषर्द इशरत जहां ने भीड़ को उकसाया था. जनवरी में निचली अदालत ने सैफी, इशरत जहां और 11 अन्य के खिलाफ हत्या के प्रयास, दंगा और गैरकानूनी तरीके से एकत्र होने को लेकर आरोप तय करने का आदेश दिया था. अप्रैल में आधिकारिक रूप से आरोप तय किए गए. उसके बाद सभी 13 आरोपियों को आपराधिक साजिश, उकसावे और साझा इरादे तथा शस्त्र अधिनियम के आरोपों से मुक्त कर दिया गया था.

-भारत एक्सप्रेस

गोपाल कृष्ण

Recent Posts

दिल्ली हाईकोर्ट ने RSS सदस्य शांतनु सिन्हा पर दर्ज मानहानि के मामले में BJP नेता अमित मालवीय को नोटिस जारी कर मांगा जवाब

RSS सदस्य शांतनु सिन्हा द्वारा अमित मालवीय के खिलाफ ‘बंगाली’ में एक फेसबुक पोस्ट किया…

42 mins ago

अफगानिस्तान में महिलाएं क्यों नारकीय जीवन जीने के लिए अभिशप्त हैं?

महिलाओं के खिलाफ घिनौने कृत्य अनंत काल से होते आ रहे हैं और ये आज…

1 hour ago

दिल्ली हाईकोर्ट ने चांदनी चौक के आसपास के क्षेत्रों से अवैध गतिविधियों को हटाने का दिया निर्देश

पीठ चांदनी चौक सर्व व्यापार मंडल द्वारा दायर जनहित याचिका पर विचार कर रहा है,…

1 hour ago

PM Modi’s Gifts: Global Diplomacy में भारत की सांस्कृतिक धरोहर की झलक, राज्यों से भेजे गए ये उपहार

देश के विभिन्‍न राज्‍यों में तैयार किए गए गिफ्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अंतर्राष्ट्रीय यात्राओं…

3 hours ago

जब एक हाथी को भीड़ के सामने दे दी गई थी फांसी, अमेरिका का ये काला इतिहास आपको झकझोर देगा

एक बेघर व्यक्ति को मारने के बदले में भीड़ ने तय किया कि हाथिनी मैरी…

4 hours ago