Lok Sabha Elections: लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी देश की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी भाजपा (भारतीय जनता दल) ने अपने उम्मीदवारों को लेकर पहली सूची जारी कर दी है और अब दूसरी सूची को लेकर इंतजार किया जा रहा है. इसी बीच पहली सूची में पीलीभीत, रायबरेली, गाजियाबाद, सुल्तानपुर सीट के लिए उम्मीदवार की घोषणा न किए जाने को लेकर तमाम कयास भी लगाए जा रहे हैं. कहा जा रहा है कि इस सीट पर भाजपा अब नए चेहरे पर दांव लगाने पर विचार कर रही है.
बता दें कि इस बार भाजपा ने उत्तर प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटों पर जीत को लेकर दावा किया है. तो वहीं भाजपा उत्तर प्रदेश के लिए 51 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर चुकी है. तो इनमें से एक उम्मीदवार उपेंद्र सिंह रावत की टिकट वापस भी हो चुकी है. इस तरह से अगर भाजपा की पहली सूची देखी जाए तो 50 उम्मीदवार उतर चुके हैं. तो वहीं 6 सीटें गठबंधन में आए राजनीतिक दलों को देने पर सहमति बनी है. तो वहीं अब भाजपा को 24 सीटों पर उम्मीदवार उतारने शेष रह गए हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि जहां भाजपा ने पहली सूची में रिपीट प्लान चला था तो वहीं दूसरी सूची में इसको दोहराने का मन नहीं है. इसी के साथ ही ये भी कहा जा रहा है कि यूपी की कुछ वीआईपी सीट को लेकर भाजपा कांग्रेस, सपा और बसपा के उम्मीदवारों की घोषणा का भी इंतजार कर रही है.
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इसमें सबसे खास सीट रायबरेली की है. बीजेपी ये देखना चाहती है कि कांग्रेस रायबरेली से किसे उतार रही है. वैसे तो प्रियंका गांधी के नाम को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं. हालांकि भाजपा ने इस सीट के लिए अपना विकल्प तैयार कर लिया है. रायबरेली में पूर्व में भाजपा के उम्मीदवार रहे दिनेश प्रताप सिंह और सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हुए मनोज पांडेय जैसे नेताओं को बीजेपी ने विकल्प के तौर पर तैयार कर लिया है. तो वहीं पीलीभीत और सुल्तानपुर की सीट पर भी उम्मीदवार बदले जाने को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं. इन दोनों सीटों पर ही गांधी परिवार के सदस्य यानी वरुण गांधी और उनकी मां मेनका गांधी सांसद हैं. माना जा रहा है कि इस बार भाजपा दोनों में से किसी एक को ही मौका देने के मूड में है.
तो इसी के साथ ही गाजियाबाद की सीट पर भी संशय बना हुआ है. यहां पर वीके सिंह दो बार से सांसद हैं. उन्होंने 2019 में बड़े अंतर से जीत हासिल की थी, लेकिन अभी तक उनके नाम की घोषणा न होने पर माना जा रहा है कि पार्टी इस बार यहां से किसी और को मौका दे सकती है. बता दें कि इस सीट का इतिहास कुछ यूं है कि यहां से बीजेपी ठाकुर उम्मीदवार को ही खड़ा करती रही है. राजनाथ सिंह भी यहां से 2009 में उम्मीदवार थे तो उनसे पहले रमेश चंद तोमर 4 बार सांसद रहे. भाजपा ने इस बीच केवल 2004 में सुरेंद्र प्रकाश गोयल को मौका दिया था. इस समीकरण को देखते हुए माना जा रहा है कि भाजपा यहां से किसी क्षत्रिय को ही टिकट दे सकती है. तो इसी के साथ ही बरेली और गाजीपुर में भी बदलाव को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं. माना जा रहा है कि यहां पर भी बीजेपी किसी नए चेहरे को इन्ट्रोड्यूस कर सकती है. सपा ने गाजीपुर से अफजाल अंसारी को उतारा है. ऐसे में भाजपा मंथन कर रही है कि यहीं से किसे उतारा जाए तो वहीं बरेली को लेकर भी लगातार मंथन जारी है.
-भारत एक्सप्रेस
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