अहमदाबाद की सीबीआई विशेष अदालत ने 20 दिसंबर 2024 को बीमा घोटाले से जुड़े एक मामले में संजय रमेश चित्रे (तत्कालीन सर्वेयर/ लॉस असेसर) को 5 साल के कठोर कारावास और 6 लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई. सीबीआई ने यह मामला 30 जनवरी 2003 को दर्ज किया था. इस मामले में आरोप था कि न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के तत्कालीन सीनियर डिविजनल मैनेजर और अन्य व्यक्तियों ने आपराधिक साजिश रचते हुए, निजी व्यक्तियों के साथ मिलकर जाली दस्तावेजों के आधार पर बीमा दावों को मंजूरी दी. इसके चलते कंपनी को 4,35,116 रुपये का नुकसान हुआ.
घटना की जांच पूरी होने के बाद, सीबीआई ने 24 जून 2005 को आरोपपत्र दाखिल किया. इसमें तत्कालीन वरिष्ठ प्रबंधक और अन्य आरोपियों को नामजद किया गया था. मुकदमे के दौरान, आरोपी सीनियर डिविजनल मैनेजर की मृत्यु हो जाने के कारण उनके खिलाफ मामला समाप्त कर दिया गया. वहीं, संजय रमेश चित्रे को अदालत ने दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई.
सीबीआई की विशेष अदालत ने यह सजा सुनाते हुए इसे बीमा घोटाले से जुड़े मामलों में कड़ा संदेश देने वाला कदम बताया. यह मामला जालसाजी और सार्वजनिक संस्थानों के साथ धोखाधड़ी को रोकने के लिए सीबीआई की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
AI का उपयोग बढ़ते हुए भारतीय न्यायिक प्रणाली में भी महत्वपूर्ण बदलाव ला रहा है.…
रक्षा मंत्रालय का यह कॉन्ट्रेक्ट सेना की आर्टिलरी मॉडर्नाइजेशन प्रक्रिया को तेज़ करेगा और उसकी…
भारत का बायोटेक क्षेत्र अब वैश्विक मानकों पर खड़ा है, जो भारतीय उद्योग के लिए…
इस साल रियल एस्टेट, यूटिलिटीज, ऑटोमोबाइल्स, मेटल्स और PSU बैंकों जैसे क्षेत्रों ने दबदबा बनाया,…
India's Product-Linked Incentive (PLI) schemes: भारत सरकार की प्रोडक्ट-लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI) योजना का उद्देश्य 'आत्मनिर्भर…
सरकार ने कहा कि MSP में वृद्धि से नारियल उत्पादकों को बेहतर लाभ मिलेगा. यह…