लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ दर्ज मामले की जांच अब दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच करेगी. इस मामले के लिए स्पेशल सीपी (क्राइम) ने विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया है. यह मामला बीते शुक्रवार (20 दिसंबर) को क्राइम ब्रांच को सौंप दिया गया.
बीते 19 दिसंबर को संसद के ‘मकर द्वार’ के पास संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर के कथित अपमान को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के सांसदों के बीच धक्का-मुक्की हुई थी, जिसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रताप चंद्र सारंगी और लोकसभा सांसद मुकेश राजपूत घायल हो गए.
इस घटना के बाद बीजेपी सांसद हेमांग जोशी ने राहुल गांधी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. इसके बाद दिल्ली पुलिस ने उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था.
किन धाराओं में मामला दर्ज हुआ
– धारा 115 (BNS): किसी व्यक्ति को चोट पहुंचाने की मंशा से किया गया हमला. दोषी को 1 साल तक की जेल और 10,000 रुपये का जुर्माना हो सकता है.
– धारा 117 (BNS): गंभीर शारीरिक क्षति जैसे हड्डी टूटना, दृष्टि क्षीण होना या किसी अंग का नुकसान. इसके तहत दोषी को 7 से 10 साल तक की सजा हो सकती है.
– धारा 125 (BNS): किसी की जान या सुरक्षा को खतरे में डालने के इरादे से की गई हरकत. मामूली चोट के मामले में 6 महीने की जेल या 5,000 रुपये जुर्माना हो सकता है. गंभीर चोट के मामले में 3 साल की जेल या 10,000 रुपये तक का जुर्माना हो सकता है.
– धारा 131 (BNS): आपराधिक बल का उपयोग. दोषी को 3 महीने की जेल या 10,000 रुपये का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं.
– धारा 351 (BNS): आपराधिक धमकी देना. इसमें दोषी को 2 साल की जेल, जुर्माना या दोनों हो सकते हैं.
– धारा 3(5) (BNS): समूह द्वारा किया गया अपराध. इस धारा के तहत समूह के सभी सदस्यों को समान रूप से दोषी माना जाएगा.
कांग्रेस ने इस मामले को सत्ता पक्ष की साजिश करार दिया. पार्टी का कहना है कि यह कदम राहुल गांधी की छवि खराब करने और विपक्ष को संसद में अपनी बात रखने से रोकने के लिए उठाया गया है. कांग्रेस और बीजेपी के बीच इस मामले को लेकर राजनीतिक टकराव और तेज होने की संभावना है.
-भारत एक्सप्रेस
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