‘नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेस टेस्ट (NEET-UG)’ मेडिकल प्रवेश परीक्षा में ग्रेस मार्क्स देने का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है. तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के रहने वाले अब्दुल्ला मोहम्मद फैज व अन्य छात्रों एक याचिका में 5 मई को हुई परीक्षा को रद्द कर इसे दोबारा कराने की मांग की है. साथ ही पूरे मामले की जांच एसआईटी से कराने की भी मांग की गई है.
परीक्षा के नतीजों के आधार पर होने वाली कांउसिलिंग पर रोक लगाने की मांग की गई है. इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट में नीट परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर याचिका दाखिल हो चुकी है. शिवांगी मिश्रा और अन्य छात्रों ने ये याचिका दायर की थी, जिस पर सुनवाई होनी है.
याचिका में 1,563 उम्मीदवारों को ग्रेस मार्क्स देने के फैसले को चुनौती दी गई है. इस परीक्षा को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में दायर याचिका पर जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा की अवकाशकालीन पीठ 12 जून को सुनवाई करने वाली है. हाईकोर्ट में श्रेयांसी ठाकुर नाम की 17 वर्षीय छात्रा ने याचिका दाखिल की है.
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याचिका में कहा गया है कि ग्रेस मार्क्स देने का नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) का फैसला मनमाना है और हजारों छात्रों को प्रभावित कर रहा है. याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि नीट का कथित पेपर लीक संविधान के अनुच्छेद 14 में वर्णित समानता के अधिकार का उल्लंघन है, क्योंकि इस हरकत ने कुछ उम्मीदवारों जिन्होंने निष्पक्ष तरीके से परीक्षा देने का विकल्प चुना था, उनके मुकाबले दूसरों को अनुचित लाभ मिल. सिर्फ पेपर लीक ही नहीं परीक्षा को लेकर उम्मीदवारों ने और भी कई आरोप लगाए है.
इन सभी आरोपों पर NTA ने खुद को नीट एंड क्लीन बताते हुए अपना पक्ष रखा है. नीट परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों को दी गई हाई कटऑफ और प्रतिपूरक अंकों पर सफाई देते हुए NTA ने कहा है कि इसके लिए कई हाईकोर्ट में रिट दायर की गई है.
बता दें कि NTA ने ऐलान किया है कि शिक्षा मंत्रालय ने चार सदस्यीय एक पैनल का गठन किया है, जो मामले की नए सिरे से जांच करेगा. NTA ने किसी भी तरह के अनियमितता की बात को नकार दिया है. NTA का कहना है कि उनसे परीक्षा सेंटर पर छात्रों को कम समय मिलने के एवज में ग्रेस मार्क्स देने का फैसला किया है.
आम आदमी पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में एक विशेष जांच समिति बनाने की मांग की है. वही कांग्रेस ने इसके बहाने पेपर लीक, प्रतियोगी परीक्षाओं में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया है. दरअसल नीट के रिजल्ट पर सवाल इसलिए खड़े हो रहे हैं, क्योंकि इस परीक्षा में बैठने वाले कई उम्मीदवारों को 720 में से 720 मार्क्स मिले हैं. इसके अलावा ऐसे भी छात्रों की संख्या बहुत अधिक है, जिन्हें 718 और 719 नंबर्स मिले हैं.
एक्सपर्ट की मानें तो जिस तरह का नीट का रिजल्ट देखने को मिला है. इस तरह का रिजल्ट असंभव है. इस परीक्षा के खिलाफ दो याचिका सुप्रीम कोर्ट में और हाईकोर्ट में अलग-अलग याचिकाएं दायर की गई हैं. सभी याचिकाओं पर नीट परीक्षा रद्द करने, दोबारा परीक्षा कराने और धांधली की जांच की मांग की गई है.
-भारत एक्सप्रेस
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