रांची – नेशनल मेडिकल काउंसिल ने झारखंड के तीन सरकारी मेडिकल कॉलेजों में इस सत्र में एमबीबीएस में एडमिशन की इजाजत अब तक नहीं दी है इन कॉलेजों में हजारीबाग के पास शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज, पलामू का राजा मेदिनी राय मेडिकल कॉलेज और दुमका के पास फूलो झानो मेडिकल कॉलेज शामिल हैं. इन तीनों कॉलेजों में एमबीबीएस की 100-100 सीटें हैं. माना जा रहा है कि इन्फ्रास्ट्रक्चर और शिक्षकों की कमी की वजह से एनएमसी की ओर से हरी झंडी नहीं मिल पा रही है. ऐसे में यहां एडमिशन की उम्मीद लगाये स्टूडेंट्स निराश हैं.
झारखंड में कुल छह सरकारी मेडिकल कॉलेज और दो निजी मेडिकल कॉलेज हैं, जहां एमबीबीएस की पढ़ाई होती है. सरकार कॉलेजों में कुल 680 सीटें हैं, जबकि दो निजी कॉलेजों में 250 सीटें हैं. इस तरह राज्य में एमबीबीएस के लिए कुल 930 सीटें हैं. एनएमसी की ओर से तीन मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन की अनुमति नहीं मिलने पर सरकारी कॉलेजों में मेडिकल सीटों की संख्या मात्र 350 रह जायेगी. नीट के आधार पर एमबीबीएस में एडमिशन के लिए काउंसलिंग की प्रक्रिया जल्द शुरू होने वाली है. अभ्यर्थियों और विभिन्न राजनीतिक दलों ने राज्य और केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि राज्य में पूर्व से स्वीकृत सभी 930 सीटों पर एडमिशन के लिए काउंसलिंग की इजाजत दी जाये.
गौरतलब है कि हजारीबाग, पलामू और दुमका के मेडिकल कॉलेज वर्ष 2018 में स्थापित हुए थे. इन तीनों कॉलेजों में 2019 में 100-100 सीटों पर एडमिशन की इजाजत मिली थी, लेकिन दूसरे वर्ष नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने इन कॉलेजों में इन्फ्रास्ट्रक्चर और शिक्षकों की कमी के चलते एडमिशन पर रोक लगा दी थी. हालांकि राज्य सरकार ने इन कॉलेजों में तय समय सीमा के भीतर इन्फ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराने की अंडरटेकिंग दिये जाने के बाद एनएमसी ने 2021 के दिसंबर में यहां एमबीबीएस में एडमिशन की इजाजत दे दी थी.
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