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किन-किन दंडों के आधार पर सरकार करती है पुलिसकर्मियों का डिमोशन, जानिए कौन से हैं वो नियम ?

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने पुलिस विभाग के एक डिप्टी एसपी रैंक के अधिकारी का डिमोशन करके सिपाही बना दिया. बताया रहा जा रहा है कि अधिकारी के ऊपर भ्रष्टाचार के कई मामले दर्ज  है. जिसपर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद एक्शन लिया गया.

आपके मन में कई सवाल होंगे की किसी पुलिस अधिकारी का डिमोशन आखिर किन नियमों के तहत किया जाता है. पुलिस में भ्रष्टाचार या किसी दूसरी शिकायतों के मिलने पर किस तरीके की कार्रवाई की जा सकती हैं. आज हम आपकों बताएंगे उन सारे नियमों के बारे में जिनके आधार पर प्रदेश सरकार किसी अधिकारी का डिमोशन करती है.

पुलिसकर्मी को  डिमोट करने के  नियम

उत्तर प्रदेश पुलिस दंड अपील और पुनरीक्षण नियमावली 1993 के तहत सरकार किसी अधिकारी का डिमोशन कर सकती है. इस नियम के तहत किसी भी  पुलिसकर्मी को 2 तरह से सजा देने का प्रावधान है.

1- लघु दंड नियम

पुलिस विभाग की रूल बुक के मुताबिक लघु दंड में पुलिसकर्मी के कैरेक्टर रोल पर मिसकंडक्ट लिख दिया जाता है. एक बार किसी पुलिसकर्मी के सर्विस रिकॉर्ड में यह सजा जुड़ जाए तो भविष्य में उसे किसी स्थान पर तैनाती और प्रमोशन में मुश्किलें आती हैं.

लघु दंड पर कैसे बच सकते हैं पुलिसकर्मी

किसी मामले में लृप्त पुलिसकर्मी को अगर पुलिस विभाग ने लघु दंड दिया है तो  इस मामले में मिसकंडक्ट पाने वाला पुलिसकर्मी अपने वरिष्ठ अधिकारी से अपील कर सकता है. सीनियर ऑफिसर मामले  का संज्ञान लेते है और अगर उन्हें लगता है कि सजा प्राप्त पुलिसकर्मी की अपील सुनने लायक है तो वो सुनवाई के बाद मिसकंडक्ट को काट सकता है. मोटे तौर पर यह समझिए की किसी पुलिसकर्मी  को अगर लघु दंड के तहत सजा दी गई है तो यह परमानेंट दंड नहीं होता है इसे पुलिस विभाग के बड़े अधिकारी द्वारा खारिज किया जा सकता है.

2- दीर्घ दंड नियम

पुलिस विभाग में दीर्घ दंड 3 प्रकार से दिया जाता है

1- पुलिस विभाग के दीर्घ दंड की पहली नियमावली के तहत किसी पुलिसकर्मी को सेवा से बर्खास्त किया जा सकता है.

2- दूसरा दीर्ध दंड यह कहता है कि, पुलिसकर्मी को उसके पद से डिमोट किया जाए.

3- तीसरे दीर्घ दंड के तहत किसी पुलिसकर्मी के वेतन वृद्धि पर रोक लग जाती है.

यहां दीर्घ दंड में किसी पुलिसकर्मी को डिमोट करने के भी 2 नियम है. एक तो यह  कि उसे उसके पद के एक पद नीचे डिमोट कर दिया जाए. जो कि एक निश्चित समय के लिए होता है. दूसरा नियम यह कहता है कि, पुलिसकर्मी को उस पद पर वापस हमेशा के लिए डिमोट कर दिया जाए जिस पद से उसकी पुलिस विभाग में नियुक्ति हुई थी.

 

-भारत एक्सप्रेस

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