प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को तमिलनाडु में बाढ़ के कहर को देखते हुए मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से फोन पर बात कर उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिलाया. तमिलनाडु के जिले विल्लपुरम में आई बाढ़ की वजह से चेन्नई-तिरुचिरापल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी यातायात प्रभावित है. मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने बताया कि इस प्राकृतिक आपदा से 69 लाख परिवार और 1.5 लोग प्रभावित हुए हैं. उन्होंने केंद्र सरकार से राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (NDRF) से 2,000 करोड़ रुपये जारी करने का अनुरोध किया है.
वहीं मौसम विभाग ने इस संबंध में बताया कि उत्तरी तटीय तमिलनाडु और पुडुचेरी के ऊपर चक्रवाती तूफान फेंगल कमजोर होकर कम दबाव वाले क्षेत्रों में तब्दील हो गया. इससे विल्लुपुरम और आसपास के क्षेत्र बाढ़ से पानी-पानी हो गए.
तमिलनाडु का विल्लुपुरम जिला मौजूदा समय में बाढ़ के कहर से त्राहि-त्राहि कर रहा है. सोमवार को मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने यहां पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया था और पीड़ितों को हरसंभव मदद का भी भरोसा दिलाया था. इस दौरान मुख्यमंत्री ने प्रभावितों से बात करके उनके बीच राहत सामग्री भी वितरित की. इस बाढ़ की वजह से रेलवे ने अपनी तरफ सेवाओं को प्रभावित कर दिया है.
रेलवे ने इस संबंध में बयान जारी कर कहा कि विक्रवंडी में शहर को मुंडियामपक्कम से जोड़ने वाले एक मुख्य पुल पर बाढ़ का पानी बढ़ने के कारण रेल सेवाएं स्थगित कर दी गई हैं. चेन्नई एग्मोर-नागरकोइल वंदे भारत एक्सप्रेस को रद्द कर दिया गया है. उत्तरी तमिलनाडु को मध्य और दक्षिणी क्षेत्रों से जोड़ने वाले कई अन्य प्रमुख मार्ग भी इसकी चपेट में आए हैं. थेंपेन्नई नदी उफान पर है, जिससे कुड्डालोर और पड़ोसी जिले जलमग्न हो गए हैं.
तमिलनाडु के उत्तरी विल्लुपुरम जिले में सोमवार को भारी से अत्यधिक बारिश के कारण अचानक बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई. बाढ़ के चलते कई गांवों और आवासीय क्षेत्रों का संपर्क कट गया, क्योंकि पुल और सड़कें पानी में डूब गईं. इसके अलावा, हजारों एकड़ में खड़ी फसलें भी बाढ़ के पानी में डूब गईं, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ.
वहीं, तिरुवन्नामलाई जिले में एक दिसंबर की रात भारी बारिश के दौरान भूस्खलन हुआ. पहाड़ी से गिरा एक बड़ा पत्थर एक घर पर गिरने से त्रासदी हुई, जिसमें आज राहत कार्यों के दौरान पांच शव बरामद किए गए.
तमिलनाडु में आई इस प्राकृतिक आपदा ने लगभग 69 लाख परिवारों और 1.5 करोड़ से अधिक लोगों को गंभीर रूप से प्रभावित किया है. मुख्यमंत्री स्टालिन ने बताया कि तिरुवन्नामलाई, विल्लुपुरम और कल्लकुरिची जिलों में एक ही दिन में पूरे मौसम का औसत (50 सेमी से ज्यादा) बारिश हो गई, जिसके चलते बाढ़ जैसी स्थिति बन गई. इस आपदा से बुनियादी ढांचे और फसलों को व्यापक क्षति हुई है.
इन जिलों में राहत और बचाव कार्यों की देखरेख के लिए वरिष्ठ मंत्री और अधिकारी तैनात किए गए हैं. साथ ही, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की नौ-नौ टीमें राहत कार्य में जुटी हुई हैं. मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रारंभिक आकलन के अनुसार, अस्थायी मरम्मत और पुनर्वास कार्यों के लिए लगभग 2,475 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी.
(समाचार एजेंसी IANS के इनपुट के साथ)
-भारत एक्सप्रेस
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