Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव को लेकर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश के मुरैना में जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा. पीएम ने कहा कि ‘इन दिनों कांग्रेस के शहजादे इतने चिंतित हैं कि आए दिन उनको मोदी का अपमान करने में मजा आता है. मोदी के लिए भला-बुरा कहने में उनको मजा आ रहा है और मैं देख रहा हूं सोशल मीडिया में, टीवी में बहुत सारे लोग चिंता जताते हैं कि ये भाषा अच्छी नहीं है.’
पीएम मोदी ने कहा, ‘ऐसी भाषा देश के प्रधानमंत्री के लिए बोलना ठीक नहीं है. कुछ लोग बहुत दुखी हो जाते हैं कि मोदी जी को ऐसा क्यों बोला?’ पीएम ने जनता से अपील करते हुए कहा, ‘मेरी सबसे विनती है कि कृपा करके आप दुखी मत हों, आप गुस्सा मत कीजिए. आपको पता है कि ये नामदार हैं, हम तो कामदार हैं और नामदार तो कामदार के साथ सदियों से ऐसे ही गाली-गलौज करते हुए आए हैं. मैं तो आपमें से आता हूं, गरीबी से निकला हूं. आप गुस्सा मत कीजिए.’
जनसभा के दौरान पीएम ने कहा, ‘मैं वीरों की भूमि को, मुरैना की मिट्टी को श्रद्धा पूर्वक नमन करता हूं. आप सबका उत्साह देखकर मैं कह सकता हूं कि मुरैना आज भी अपने संकल्प को लेकर चल रहा है.’
उन्होंने कहा कि चंबल के लोग वो दौर कैसे भूल सकते हैं, जब कांग्रेस ने यहां की पहचान खराब कानून व्यवस्था के लिए बना दी थी. कांग्रेस ने मध्य प्रदेश को बीमारू राज्य बना दिया था. बीजेपी सरकार ने चंबल का पूरा ख्याल रखा है. अब पार्वती लीज परियोजना से सिंचाई की समस्या दूर होगी. बीजेपी सरकार में हुए विकास को भिंड, मुरैना, ग्वालियर के वो लोग अनुभव कर सकते हैं, जिन्होंने कांग्रेस सरकार का दौर देखा है.
उन्होंने आगे कहा कि चार जून से हमारे मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश में विकास की गति और तेजी पकड़ लेगी. कांग्रेस ने जवानों की वन रैंक वन पेंशन को लागू नहीं किया. उसकी सरकारों ने जवानों के हाथ बांध रखे थे. हमने उन्हें खुली छूट दी. अब अगर पाकिसानी एक गोला फेंकेंगे, तो भारत से 10 तोपें चल जाएंगीं. पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस ने देश के टुकड़े कर दिए थे. अब वह कुर्सी के लिए छटपटा रही है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘कांग्रेस दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों का हक छीनने का षड्यंत्र लंबे समय से कर रही है. 19 दिसंबर 2011 में जब उनकी सरकार थी, तब भी कांग्रेस की केंद्र सरकार धर्म के नाम पर आरक्षण देने का एक नोट संसद में लेकर आई. इस संसदीय नोट में ये कहा गया था कि OBC समाज को जो 27 प्रतिशत आरक्षण मिलता है, मंडल कमीशन के अनुसार जो आरक्षण मिलता है, उस आरक्षण का एक हिस्सा काटकर के मजहब के नाम पर दिया जाएगा.’
पीएम ने आगे अपनी बात जारी रखते हुए कहा, ‘सिर्फ दो दिन बाद 22 दिसंबर 2011 को इसका आदेश भी निकाल दिया गया. बाद में आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने कांग्रेस सरकार के इस आदेश को रद्द कर दिया. ये सुप्रीम कोर्ट में गए लेकिन राहत नहीं मिली. तब 2014 में कांग्रेस ने घोषणापत्र में लिखा कि धर्म के आधार पर आरक्षण देने के लिए कानून बनाना पड़े तो कानून भी बनाएंगे. उसके बाद इन समाजों ने एक होकर, कांग्रेस के सपनों को मिट्टी में मिला दिया, उनको सत्ता से बाहर कर दिया. फिर भी सुधरने को तैयार नहीं है.’
-भारत एक्सप्रेस
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