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Independence Day: लाल किले से PM मोदी ने 90 मिनट तक दी स्पीच, सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद दिया तो CJI ने हाथ जोड़कर किया अभिवादन

PM modi speech Independence day: 77वां स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से 90 मिनट तक स्पीच दी. इस दौरान ऐसे कई मोमेंट्स रहे, जिनकी चर्चा हो रही है. इनमें से एक चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ का अभिवादन भी सुर्खियों में है. दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में सुप्रीम कोर्ट का उसके फैसलों को मातृभाषा में भी उपलब्ध कराने पर धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा- अब भारत की सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट का ऑपरेटिव पार्ट आवेदक की स्थानीय भाषा में उपलब्ध होगा. यह सराहनीय प्रयास है. यह सुनते ही CJI ने हाथ जोड़कर प्रधानमंत्री मोदी का शुक्रिया किया.

बता दें कि आज लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस के जश्‍न का कार्यक्रम ढाई घंटे चला था. कार्यक्रम खत्म होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 1100 NCC कैडेट्स से मिलने पहुंचे. आखिरी लाइन में बैठे कैडेट्स से मिलने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वहां बनी सीढ़ियों पर दौड़ते हुए चढ़े. वहीं, अपने भाषण के दौरान उन्‍होंने क्षेत्रीय भाषाओं के महत्व पर प्रकाश डाला. क्षेत्रीय भाषाओं में फैसले दिए जाने के सुप्रीम कोर्ट के हालिया कदम का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा,”मैं सुप्रीम कोर्ट को भी धन्यवाद देता हूं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि फैसले का ऑपरेटिव हिस्सा मातृभाषा में भी होगा. मातृभाषा का महत्व बढ़ रहा है.”

इस दौरान आजादी के इस समारोह में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ भी मौजूद थे. जब प्रधानमंत्री मोदी ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का ज़िक्र किया तो वह मुस्कुराए और हाथ जोड़कर प्रधानमंत्री की बात का अभिवादन किया. इस लम्‍हे का वीडियो सामने आया है, जिसे बहुत-से लोग देख रहे हैं.

यह भी पढ़ें: Tiranga Yatra: स्वतंत्रता दिवस पर यूपी में हर घर लहरा तिरंगा! MLA राजेश्वर सिंह के साथ हजारों लोगों ने ऐसे मनाया जश्न, गूंजे ‘भारत माता’ के नारे

गौरतलब है कि CJI चंद्रचूड़ ने अक्सर अदालतों द्वारा क्षेत्रीय भाषाओं में फैसले देने की आवश्यकता पर जोर दिया है. उन्‍होंने जनवरी में ने घोषणा की थी कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्णयों का चार भाषाओं – हिंदी, तमिल, गुजराती और ओडिया में अनुवाद किया जाएगा, उन्होंने कहा था कि क्षेत्रीय भाषाओं में निर्णयों का अनुवाद नागरिकों के लिए न्याय तक पहुंच में मदद करेगा. अब यह सब देखने को भी मिल रहा है.

CJI चंद्रचूड़ ने मुंबई के एक कार्यक्रम में कहा था, “हमारा , अगला कदम… हर भारतीय भाषा में सुप्रीम कोर्ट के फैसलों की अनुवादित प्रतियां उपलब्ध कराना है. अदालतों को भारत भर के नागरिकों तक पहुंचने में मदद करने के लिए टेक्नोलोजी के उपयोग पर जोर दिया.” तब भी प्रधानमंत्री मोदी ने उनके फैसले की तारीफ की थी.

— भारत एक्सप्रेस

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