Mohali, Punjab: सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश, मोहाली ने आज एक महत्वपूर्ण फैसले में पंजाब पुलिस के तत्कालीन आईजीपी गौतम चीमा, आईडीईएस अधिकारी अजय चौधरी और 4 निजी व्यक्तियों- वरुण उत्रेजा (तत्कालीन वकील), रश्मि नेगी, विक्की वर्मा और आर्यन सिंह को 8 महीने की सजा और कुल 39,000 रुपये का जुर्माना लगाया है. यह मामला मोहाली पुलिस स्टेशन फेज-1 की वैध हिरासत से एक व्यक्ति को जबरन ले जाने से संबंधित है.
यह मामला 26 अगस्त 2014 की रात करीब 11 बजे का है, जब तत्कालीन आईजीपी गौतम चीमा, नशे की हालत में अजय चौधरी और अन्य आरोपियों के साथ मोहाली पुलिस स्टेशन फेज-1 पहुंचे. वहां से उन्होंने हिरासत में लिए गए सुमेध गुलाटी को जबरन एक निजी कार में बिठाकर मैक्स अस्पताल, फेज-6, मोहाली ले गए. अस्पताल में शिकायतकर्ता भर्ती थी. आरोप है कि गौतम चीमा ने सुमेध गुलाटी को शिकायतकर्ता के कमरे में जबरन रखा और शिकायतकर्ता को धमकाया कि वह उनके खिलाफ दर्ज शिकायतें वापस लें.
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यह मामला पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर 4 मार्च 2020 को सीबीआई को सौंपा गया था. सीबीआई ने जांच के बाद 31 दिसंबर 2020 को छह आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. ट्रायल के दौरान सभी छह आरोपियों को दोषी पाया गया. कोर्ट ने इन सभी को 8 महीने की सजा सुनाई और जुर्माना लगाया. इस फैसले को एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है, जो पुलिस अधिकारियों और अन्य शक्तिशाली व्यक्तियों को उनके पद का दुरुपयोग करने से रोकने के लिए एक सख्त संदेश देता है.
-भारत एक्सप्रेस
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