राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रामनाथ गोयनका एक्सीलेंस इन जर्नलिज्म अवॉर्ड्स के दौरान भारतीय पत्रकारिता के बेहतरीन कार्यों को सम्मानित किया. इस मौके पर उन्होंने रामनाथ गोयनका की विरासत को याद किया, जिन्होंने इंडियन एक्सप्रेस की नींव रखी थी.
रामनाथ गोयनका का नाम मीडिया की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने वालों में लिया जाता है. आपातकाल के दौरान उन्होंने सरकार के दबाव के आगे झुकने से इनकार कर दिया था. उस समय इंडियन एक्सप्रेस ने एक खाली संपादकीय छापकर विरोध दर्ज कराया था, जो आज भी स्वतंत्र पत्रकारिता का प्रतीक माना जाता है.
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि गोयनका के विचार स्वतंत्रता संग्राम से प्रेरित थे. उन्होंने महात्मा गांधी का उदाहरण देते हुए कहा कि गांधी जी ने भी पत्रकारिता का उपयोग लोगों को जागरूक करने के लिए किया था. गांधी का मानना था कि “पत्रकारिता का एकमात्र उद्देश्य समाज की सेवा करना होना चाहिए”, और यही विचार गोयनका ने अपने पूरे करियर में अपनाया.
राष्ट्रपति ने कहा कि स्वतंत्र और निष्पक्ष पत्रकारिता किसी भी लोकतंत्र की रीढ़ होती है. उन्होंने भारतीय रेलवे का उदाहरण देते हुए बताया कि जैसे हर दिन 2.24 करोड़ लोग ट्रेन से सफर करते हैं, वैसे ही पत्रकारिता भी पूरे देश को जोड़ने का काम करती है.
उन्होंने कहा कि भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में पत्रकारिता का अहम योगदान रहेगा. लोगों तक सही और सटीक जानकारी पहुंचाना देश की प्रगति के लिए बहुत जरूरी है.
राष्ट्रपति ने इंडियन एक्सप्रेस की शोध टीम की तारीफ करते हुए कहा कि गहरी रिसर्च से की गई पत्रकारिता ही समाज को सही दिशा दे सकती है. उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम को याद करते हुए कहा कि मीडिया संगठनों को अपने यहां एक मजबूत शोध विंग तैयार करनी चाहिए.
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि आज की पत्रकारिता में मौके पर जाकर रिपोर्टिंग करने की जरूरत है. साथ ही, पत्रकारिता को व्यवसायिक रूप से मजबूत बनाना होगा, जिससे यह टिकाऊ बनी रहे.
राष्ट्रपति मुर्मू ने फेक न्यूज और पोस्ट-ट्रुथ (अर्धसत्य) के बढ़ते खतरे पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि ग़लत सूचनाओं को रोकने के लिए तकनीक का सही इस्तेमाल जरूरी है. उन्होंने डीपफेक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के दुरुपयोग को रोकने के लिए जनजागरण अभियानों की जरूरत बताई.
राष्ट्रपति ने माना कि AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) अब पत्रकारिता में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. हालांकि, उन्होंने साफ किया कि AI कभी भी मानवीय संवेदनाओं की जगह नहीं ले सकता. उन्होंने कहा, “पत्रकारिता का आधार इंसानियत और संवेदनशीलता है, जिसे कोई मशीन नहीं समझ सकती.”
समारोह के अंत में राष्ट्रपति ने रामनाथ गोयनका अवॉर्ड्स के विजेताओं को बधाई दी. उन्होंने कहा कि ये पत्रकार सच्ची पत्रकारिता के आदर्शों को बनाए रख रहे हैं और समाज के वंचित लोगों की आवाज़ उठा रहे हैं.
उन्होंने क्षेत्रीय भाषाओं में पत्रकारिता को बढ़ावा देने की भी सराहना की. इससे देश के अलग-अलग हिस्सों की कहानियां मुख्यधारा में आ रही हैं.
समारोह के अंत में राष्ट्रपति मुर्मू ने पत्रकारों से आग्रह किया कि वे जनता को सशक्त बनाने के लिए निष्पक्ष और सटीक पत्रकारिता करें. उन्होंने कहा कि रामनाथ गोयनका पत्रकारिता पुरस्कार भारत में पत्रकारिता के उच्च मानकों को बनाए रखने में अहम भूमिका निभा रहा है.
उन्होंने पत्रकारों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि “आपकी पत्रकारिता भारत के लोकतंत्र को और मजबूत बनाएगी.”
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-भारत एक्सप्रेस
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