परिंदों को मंजिल मिलेगी यकीनन, ये फैले हुए उनके पर बोलते हैं, अक्सर वो लोग खामोश रहते हैं, ज़माने में जिनके हुनर बोलते हैं. ये पक्तिंया मध्य-प्रदेश के मेहुल पर सटीक बैठती हैं, जिन्होंने 26 हजार किलोमीटर साइकिल चला कर नया विश्व रिकॉर्ड बना डाला है.
भारत की मिट्टी के लालों के जिस्म में खून नहीं बल्कि फौलादी जुनून दौड़ता है. जो अपने मजबूत इरादों के दम पर कोई भी मंजिल हासिल करने का माद्दा रखते हैं. भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या में दीपोत्सव में शामिल होने के लिए मेहुल होशंगाबाद से साइकिल के पहिये को अपने पैरों से नहीं बल्कि अपने मजबूत इरादों से चलाकर पहुंचे. इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए तो दीपोत्सव का उत्साह कई गुना बढ़ गया. दीपोत्सव का साक्षी बनने के लिए दूर-दूर से लोग अयोध्या पहुंचे थे. लेकिन 3 लाख लोगों की भीड़ में एक ऐसा खास इंसान मेहुल था जिसने इस दीपोत्सव को हमेशा के लिए यादगार बना दिया.
मेहुल मध्य-प्रदेश के होशंगाबाद जिले से हैं और पेशे से एक शिक्षक हैं. वो साइकिल पर सवार होकर भारत की यात्रा पर निकले हैं. वो पिछले 16 महीने में 26 हजार किलोमीटर की यात्रा पूरी कर चुके हैं. मेहुल ने दीपोत्सव के मौके पर अयोध्या आने पर बताया कि, ‘मेरा अयोध्या आने का कोई प्लान नहीं था, लेकिन अयोध्या की दीपावली इतनी खास ढंग से मनाई जाती है जिसे देखने के लिए देश क्या विदेशों से भी लोग हर साल पहुंचते हैं. यहां की दिवाली के बारे में मैनें बहुत सुना था लेकिन कभी आ नहीं पाया. मेहुल ने बताया कि उन्होंने 1 महीने पहले ही तय कर लिया था कि इस साल अयोध्या की दिवाली में वो भी शामिल होंगे’.
26 हजार किलोमीटर तक साइकिल की सवारी करके कृतिमान बनाने वाले मेहुल ने बताया कि जब उन्होंने 1 महीना पहले योजना बनाई की इस साल सरयू तट के किनारे बसे प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या में दिवाली के मौके पर शामिल होंगे तो वो इस बात से बेहद खुश और उत्साहित थे. लेकिन उनको जब यह पता चला कि इस बाल अयोध्या में दीपावाली के शुभ अवसर पर दीपोत्सव की रौशनी के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र भी मौजूद होंगे तो इस खबर को सुनकर मेहुल की खुशी दोगुनी हो गई.
-भारत एक्सप्रेस
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