दिल्ली हाईकोर्ट ने टेबल टेनिस फेडरेशन ऑफ इंडिया (टीटीएफआई) के दैनिक कामकाज की देखरेख के लिए प्रशासक की नियुक्ति की मांग पर केंद्र सरकार व खेल संस्था को नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा है. मुख्य न्यायाधीश मनमोहन एवं न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने उनसे चार हफ्ते में जवाब देने को कहा और सुनवाई 25 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी.
याचिका में मांग की गई है कि जब तक टीटीएफआई खेल संहिता का पूर्ण रूप से पालन नहीं करता तब तक के लिए इसके राष्ट्रीय खेल महासंघ के दर्जे को निलंबित कर दिया जाए. इसको लेकर याचिका पूर्व राष्ट्रीय स्तरीय टेबल टेनिस खिलाड़ी यथार्थ पांडय़ा ने दाखिल की है. उन्होंने आरोप लगाया कि टीटीएफआई खेल संहिता का उल्लंघन करते हुए काम कर रहा है. इसके अलावा टीटीएफआई और उसके सहयोगियों के प्रशासन में एक पण्रालीगत विफलता है. इसलिए उसमें न्यायिक हस्तक्षेप की जरूरत है.
याचिका में कहा गया है कि कई अदालती फैसलों एवं सरकारी निर्देशों के बावजूद खेल संहिता का पालन नहीं किया जा रहा है. चुनाव में अपारदर्शिता बरती जाती है. वित्तीय अनियमितताएं और नेतृत्व में कमी बनी हुई है. याचिका में टीटीएफआई को खेल संहिता के अनुरूप पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित करने को लेकर अपनी वेबसाइट पर विस्तृत वित्तीय आंकड़े और फॉरेंसिक आडिट डालने की भी मांग की गई है.
-भारत एक्सप्रेस
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