जुम्मन कुरैशी
UP News: यूपी के कासगंज से शैलेश कुमार चौहान नाम के जिस व्यक्ति को एटीएस ने हाल ही में आईएसआई का एजेंट बताकर उठाया था, उस व्यक्ति के गांव कासगंज जनपद की कोतवाली पटियाली क्षेत्र के जिनौल मे भारत एक्सप्रेस की टीम पहुंची और परिजनों से बातचीत की. इस दौरान शैलेश की मां और बहन ने शैलेश को निर्दोष बताया और कहा कि पुलिस ने बीते 22 सितंबर शुक्रवार को शैलेश को घर से एक महिला के मोबाइल चोरी होने की बात कहकर उठाया था, फिर उन्हें पता लगा कि एटीएस ने शैलेश को आईएसआई का एजेंट बताया है.
शैलेश की मां ने बताया कि वह गांव मे मजदूरी करता था. शैलेश की बहन योजना ने कहा 03 साल पहले शैलेश ने अरुणांचल प्रदेश मे 06 महीने सेना में खाना बनाने का काम किया था. दूसरी ओर शैलेश की गिरफ्तारी के बाद कासगंज जिले की पुलिस भी अलर्ट हो गई है और सीओ पटियाली भी शैलेश के गांव जिनौल के साथ ही लोकल पुलिस भी उसके घर जांच के लिए पहुंची है.
लखनऊ में एटीएस की टीम ने पाकिस्तान को जासूसी करके भारत की जानकारी देने के मामले में एक खुलासा किया था, जिसमें एटीएस की टीम ने बताया था कि कासगंज जिले के जिनौल गांव का रहने वाला शैलेश कुमार सिंह आईएसआई का एजेंट है और शैलेश के द्वारा पाकिस्तान की दो महिलाओं से दोस्ती करके उन्हे भारत की सेना से जुड़ी जानकारी भेजता था, जिसके एवज मे शैलेश को पैसे मिलते थे और शैलेश आईएसआई का एजेंट है.
भारत एक्सप्रेस की टीम ने शैलेश के घर जिनौल गांव पहुंचकर इस सम्बंध में गांव के एक व्यक्ति से मुलाक़ात की और उनसे शैलेश के बारे मे बातचीत की. इस पर गांव के व्यक्ति ने कैमरे में बोलने से इंकार कर दिया और बताया कि शैलेश का यह गांव पैतृक गांव नहीं है. वह और उसके परिवार वाले इस गांव मे 50 साल पहले आकर बस गये थे और शैलेश चौहान नहीं है. वह गहलोत है और शैलेश के परिवार वालों का पैतृक गांव कहां है, इसकी जानकारी हमें नहीं है.
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दूसरी ओर भारत एक्सप्रेस की टीम गांव के लोगों से शैलेश का घर पूछते हुये उसके घर काफी मुश्किलों के बाद पहुंची, क्योंकि शैलेश का घर और उसके बारे में कोई जानकारी देने के लिए तैयार नहीं था. सब अपना बचाव कर रहे थे और जब टीम शैलेश के घर पहुंची तो घर पर शैलेश की बूढी मां बिट्टन देवी और शादीशुदा बहन मिली. दोनों ने जानकारी दी कि, बीते शुक्रवार को दोपहर एक बजे दो पुलिस वाले सादे कपड़ों में आये थे और शैलेश को पूछ रहे थे लेकिन घर पर उस समय शैलेश नहीं था. पुलिस वाले घर में तलाशी करने लगे और तभी खेतों से शैलेश आ गया. पुलिस वालों ने शैलेश से कहा कि तुम्हारे पास एक फोन है वह एक महिला का चोरी का फोन है और ये कहकर पुलिस वालों ने शैलेश का फोन ले लिया और उसे अपने साथ ले गये.
शैलेश की मां ने अपने बेटे को बेकसूर बताया और कहा कि वह आईएसआई का एजेंट नहीं है. दूसरी ओर शैलेश की बहन ने बताया कि उसका भाई शैलेश तीन साल पहले अरुणांचल प्रदेश मे सेना में खाना बनाने की नौकरी करता था और 06 महीने नौकरी करके वापस अपने घर आ गया था.
-भारत एक्सप्रेस
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