UP News: यूपी की रोडवेज बसों में सफर करने वालों के लिए बड़ी खबर सामने आ रही है. योगी सरकार प्रदेश की करीब 6 हजार बसों को हाईटेक बनाने जा रही है. इसके बाद यात्रियों को बसों के बारे में ठीक उसी तरह से जानकारी मिल सकेगी, जैसे ट्रेन की मिलती है. बता दें कि हाल ही में निर्भया योजना के अंतर्गत रोडवेज की बसों में व्हिकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस व पैनिक बटन लगाने का काम जापान की कंपनी एनईसी को दिया गया है तो वहीं एनईसी के साथ ही इसके लिए भारत की दो और सिंगापुर की एक कंपनी ने आवेदन किया था.
मीडिया सूत्रों की मानें तो यूपी की छह हजार बसें चार महीने में हाईटेक हो जाएंगी. जापान की कंपनी एनईसी ने इसको लेकर काम भी शुरू कर दिया है. जानकारी सामने आ रही है कि, बस यात्रियों के लिए कंपनी रेलवे का नेशनल ट्रेन इंक्वायरी सिस्टम (एनटीईएस) एप की तर्ज पर एक एप भी विकसित करेगी, जिसे आसानी से मोबाइल फोन में डाउनलोड किया जा सकेगा और यात्री बसों की लोकेशन घर बैठे ही मालूम कर सकेंगे. इसी के साथ बसों में व्हिकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस भी लगाए जाएंगे और बसों की ट्रैकिंग होगी. इसके लिए परिवहन मुख्यालय पर कमांड सेंटर भी बनाया जाएगा.
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बसों को हाईटेक किए जाने को लेकर परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने बताया कि, बसों में लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस होने से हादसों पर लगाम लगाने में भी मदद मिलेगी. इसी के साथ मीडिया को दिए बयान में उन्होंने बताया कि, कंपनी प्रत्येक बस में बाई तरफ पांच और दाई तरफ पांच यानी कुल 10 पैनिक बटन लगाएगी, जो कि आपातकालीन स्थिति में यात्रियों की मदद उपलब्ध कराने में सहयोग करेगी. उन्होंने जानकारी दी कि, पैनिक बटन दबाने के बाद तुरंत कमांड कंट्रोल को जानकारी मिलेगी और नजदीकी पुलिस स्टेशन को इस बारे में जानकारी दे दी जाएगी. इसी के साथ इस बड़ी योजना के तहत रोडवेज के सौ मुख्य बस स्टेशनों पर एलईडी डिस्प्ले पैनल और अनाउंसमेंट सिस्टम भी लगाए जाएंगे और जो भी बसें आ-जा रही होंगी, उनकी पूरी जानकारी डिस्प्ले स्क्रीन पर दिखाई देगी.
इस सम्बंध में परिवहन निगम के प्रधान प्रबंधक, आईटी यजुवेंद्र सिंह ने मीडिया को जानकारी दी कि, रोडवेज की करीब दस हजार बसों में पैनिक बटन के साथ ही लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस लगाए जाने का कार्य होगा. उन्होंने बताया कि, इसमें चार हजार बसें ऐसी हैं, जो अगले छह से आठ महीने में स्क्रैप हो जाएंगी. इस वजह से कंपनी उन छह हजार बसों में पैनिक बटन व डिवाइस लगाने का काम करेगी, जिनकी अभी लाइफ शेष है. इसी के साथ जापान की कंपनी ही इन बसों के मेंटिनेंस का काम भी देखेगी और जो भी सुधार की जरूरत होगी वह सुधार भी किया जाएगा. इसी के साथ उन्होंने ये भी जानकारी दी कि, बसों पर नजर रखने व उनको ट्रैक करने के लिए 20 क्षेत्रों में रीजनल मॉनिटरिंग सेंटर और मुख्यालय पर एक अत्याधुनिक कमांड एंड कंट्रोल सेंटर बनाया जाएगा. इस तरह से न केवल बसों की निगरानी होगी, बल्कि यात्रियों की यात्रा भी सुरक्षित हो सकेगी.
-भारत एक्सप्रेस
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