नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) और कांग्रेस ने गुरुवार को मनाए जा रहे जम्मू-कश्मीर ‘केंद्र शासित प्रदेश (UT) स्थापना दिवस’ समारोह में शामिल न होने का फैसला किया है. उपराज्यपाल के नेतृत्व वाला प्रशासन दो वर्षों से 31 अक्टूबर को यूटी स्थापना दिवस मनाता आ रहा है. सरकार ने पिछले साल इस दिन को मनाने के लिए कई समारोह और कार्यक्रम आयोजित किए थे और साथ ही प्रतियोगिताएं भी आयोजित की थीं.
गुरुवार को पूरे जम्मू-कश्मीर में यूटी स्थापना दिवस मनाया जा रहा है. इसके लिए पिछले रविवार को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने राजभवन में तैयारियों की समीक्षा करते हुए एक बैठक की अध्यक्षता की. एनसी और कांग्रेस सहित सत्ता में मौजूद राजनीतिक दलों ने कहा है कि उनका कोई भी नेता जम्मू-कश्मीर में यूटी स्थापना दिवस में भाग नहीं लेगा.
एनसी विधायक और प्रवक्ता तनवीर सादिक ने कहा कि पार्टी ने दरबार मूव को फिर से शुरू करने का वादा किया है, जो जम्मू-कश्मीर की विरासत है. “यह सीधे राज्य के दर्जे की बहाली से जुड़ा है. राज्य के दर्जे की बहाली के प्रयास जारी हैं और हमें उम्मीद है कि इसे जल्द से जल्द बहाल किया जाएगा और उसके बाद दरबार मूव को फिर से शुरू किया जाएगा.”
उन्होंने कहा, “लोगों ने पांच साल के लिए जनादेश दिया है और हम घोषणापत्र में किए गए सभी वादों और गारंटियों को एक-एक करके पूरा करेंगे. अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए सहित हर वादा पूरा किया जाएगा. इस पर जल्द से जल्द काम शुरू किया जाएगा. पार्टी के भीतर कोई भी नेता यूटी स्थापना दिवस में शामिल नहीं होगा.”
सादिक ने कहा,”हमारा मानना है कि हमसे जो कुछ भी छीना गया है वह असंवैधानिक और अनैतिक तरीके से किया गया है. हम चाहते हैं कि राज्य का दर्जा बहाल हो और पार्टी का कोई भी नेता यूटी स्थापना दिवस समारोह में शामिल नहीं होगा.” जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा ने कहा कि पार्टी इस समारोह में शामिल नहीं होगी, क्योंकि पार्टी ने कभी भी जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश के रूप में मान्यता नहीं दी है.
उन्होंने कहा, “हम कैसे किसी ऐसी चीज का जश्न मना सकते हैं, जिसे मनमाने ढंग से, असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक तरीके से हम पर थोपा गया है? अगर वे इसका महिमामंडन कर रहे हैं, तो हम अपने साथ हुए अन्याय का महिमामंडन करने में भागीदार नहीं हो सकते.” इस बीच, जम्मू-कश्मीर विधानसभा 4 नवंबर को एक छोटे सत्र के लिए यहां बैठक कर रही है. नेशनल कॉन्फ्रेंस ने अनुच्छेद 370 की बहाली की मांग करते हुए विधानसभा में एक प्रस्ताव पेश करने का फैसला किया है.
-भारत एक्सप्रेस
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