National Unity Day: सरदार वल्लभ भाई पटेल की 149 जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के एकता नगर के केवड़िया में उनको श्रद्धांजलि दी. इस दौरान उन्होंने अपने संबोधन में जम्मू-कश्मीर का जिक्र करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेएद 370 को हमेशा के लिए दफना दिया गया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘आजादी के सात दशक बाद एक देश और एक संविधान का संकल्प पूरा हुआ है. सरदार साहब की आत्मा को यह मेरी सबसे बड़ा श्रद्धांजलि है. 70 साल तक बाबा साहब अंबेडकर का संविधान लागू नहीं हुआ था, संविधान की माला जपने वालों ने संविधान का ऐसा घोर अपमान किया. इसका कारण जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 की दीवार थी. 370 की दीवार वहां पर संविधान को रोक देती थी. लोगों को उनके अधिकारों से वंचित रखती थी.’
हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में जम्मू कश्मीर के लोगों की भारी भागीदारी की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में देशभक्ति पूरे जोश में है. उन्होंने कहा, ‘पहली बार इस विधानसभा चुनाव में बिना किसी भेदभाव के मतदान हुआ. पहली बार वहां के मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान की शपथ ली है. इस दृश्य ने भारतीय संविधान के निर्माताओं को बहुत संतुष्टि दी होगी, उनकी आत्मा को शांति मिली होगी और यह संविधान निर्माताओं को हमारी विनम्र श्रद्धांजलि है.’
पीएम मोदी ने कहा, ‘15 अगस्त और 26 जनवरी की तरह ही 31 अक्टूबर का यह अवसर पूरे देश को नई ऊर्जा से भर देता है. मैं सभी देशवासियों को राष्ट्रीय एकता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं.’
इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को ‘अर्बन नक्सल’ की पहचान करने और उसका मुकाबला करने की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने चेतावनी दी कि यह एक नया खतरा है, जो ‘लोकतंत्र और संविधान की रक्षा की आड़ में’ भारत को विभाजित करना चाहता है.’
नक्सलवाद के खिलाफ भारत की सफलता पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संतोष व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि यह कमी 10 वर्षों के ‘अथक प्रयासों’ का परिणाम है. हालांकि, उन्होंने एक नए खतरे – ‘अर्बन नक्सल’ के प्रति चेतावनी दी.
उन्होंने कहा, ‘ये लोग संविधान और लोकतंत्र की दुहाई देकर भारतीयों को बांटने का काम कर रहे हैं। हमें शहरी नक्सलियों के इस गठबंधन की पहचान करनी होगी.’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘एक समय जंगलों में पनपने वाला नक्सलवाद, जिसके कारण युवा बंदूकें उठाने लगे थे, धीरे-धीरे खत्म हो रहा है. लेकिन शहरी नक्सलवाद का एक नया मॉडल सामने आया है.’ उन्होंने देश से उन लोगों को पहचानने और उनका सामना करने का आह्वान किया है.
बढ़ती विभाजनकारी ताकतों पर बात करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘भारत की ताकत और एकता बढ़ने के साथ ही, देश के भीतर और बाहर कुछ ताकतें अस्थिरता और अराजकता पैदा करना चाहती हैं.’
एक लोकप्रिय एकता गीत का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘हम गाते थे ‘हिंद देश के निवासी, सभी जन एक हैं’, लेकिन आज अगर आप ऐसे गीत गाते हैं, तो आपको शहरी नक्सलियों से प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ सकता है। यहां तक कि ‘एक हैं तो सुरक्षित हैं’ कहने का भी इन विभाजनकारी तत्वों द्वारा गलत अर्थ निकाला जा सकता है.’
उन्होंने लोगों को दीपावली की बधाई देते हुए कहा, ‘इस बार राष्ट्रीय एकता दिवस एक अद्भुत संयोग लेकर आया है. एक तरफ आज हम एकता का पर्व मना रहे हैं तो दूसरी तरफ दीपावली का पर्व भी है. दीपावली पूरे देश को दीपों के माध्यम से जोड़ती है, पूरे देश को रोशन करती है और अब दीपावली का पर्व भारत को दुनिया से भी जोड़ रहा है. कई देशों में इसे राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया जा रहा है. मैं देश और दुनिया में रहने वाले सभी भारतीयों और भारत के शुभचिंतकों को दीपावली की ढेर सारी शुभकामनाएं देता हूं.’
इससे पहले एक पोस्ट में उन्होंने कहा, ‘देशवासियों को दीपावली की अनेकानेक शुभकामनाएं. रोशनी के इस दिव्य उत्सव पर मैं हर किसी के स्वस्थ, सुखमय और सौभाग्यपूर्ण जीवन की कामना करता हूं। मां लक्ष्मी और भगवान श्री गणेश की कृपा से सबका कल्याण हो.’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को गुजरात के केवड़िया में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी और एकता दिवस समारोह में भाग लिया. सरदार पटेल को श्रद्धांजलि देते हुए, पीएम मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि राष्ट्र की एकता और संप्रभुता की रक्षा करना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है.
पीएम मोदी ने कहा, ‘भारत रत्न सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी जयंती पर मेरा नमन. राष्ट्र की एकता और संप्रभुता की रक्षा करना उनके जीवन की सर्वोच्च प्राथमिकता थी. उनका व्यक्तित्व और कार्य देश की हर पीढ़ी को प्रेरित करता रहेगा.’
केवड़िया मैदान में प्रधानमंत्री ने सशस्त्र बलों के जवानों की परेड का निरीक्षण किया और राज्य पुलिस बलों के प्रदर्शनों को देखा. इसमें गुजरात पुलिस की 300 महिला पुलिसकर्मियों द्वारा नृत्य प्रदर्शन भी शामिल था. उन्होंने समारोह में उपस्थित सभी सैन्यकर्मियों और अन्य लोगों को एकता दिवस की शपथ दिलाई.
इसके बाद उन्होंने एकता दिवस परेड देखी. परेड में 9 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश की पुलिस, चार केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों, राष्ट्रीय कैडेट कोर और एक मार्चिंग बैंड की 16 मार्चिंग टुकड़ियां शामिल थीं. विशेष आकर्षणों में एनएसजी की ‘हेल मार्च टुकड़ी’, बीएसएफ और सीआरपीएफ की महिला और पुरुष बाइकर्स द्वारा एक साहसी शो और बीएसएफ द्वारा भारतीय मार्शल आर्ट के संयोजन पर एक शो शामिल था. स्कूली बच्चों द्वारा एक पाइप बैंड शो भी प्रस्तुत किया गया. समारोह का मुख्य आकर्षण भारतीय वायु सेना द्वारा ‘सूर्य किरण’ फ्लाईपास्ट था.
गौरतलब है कि राष्ट्रीय एकता दिवस प्रत्येक वर्ष 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. 1875 में गुजरात के नाडियाड में जन्मे सरदार पटेल ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम और राष्ट्र को एकजुट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाया. अपने असाधारण नेतृत्व और राष्ट्रीय एकीकरण के प्रति अडिग प्रतिबद्धता के लिए प्रसिद्ध, उन्हें ‘भारत के लौह पुरुष’ और सरदार पटेल के रूप में याद किया जाता है. एकता दिवस या राष्ट्रीय एकता दिवस रियासतों को एक राष्ट्र में एकीकृत करने के उनके प्रयासों की याद दिलाता है.
पीएम मोदी दिवाली का त्योहार अपने गृह राज्य में मनाएंगे, जहां वे दो दिवसीय यात्रा पर हैं.
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-भारत एक्सप्रेस
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