Vadodara Muslim Woman Flat Row: गुजरात के वडोदरा में एक हाउसिंग कॉम्प्लेक्स में मुस्लिम महिला को सीएम आवास योजना के तहत फ्लैट अलॉट होने के बाद स्थानीय लोगों ने विरोध कर दिया है. तो वहीं इस मामले पर सियासत भी शुरू हो गई है. मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर एक पोस्ट शेयर करते हुए कहा है कि धर्म के आधार पर इस तरह का भेदभाव न केवल असंवैधानिक है बल्कि भारतीय कानूनों के तहत अपराध है.
इसके अलावा दिग्विजय सिंह ने पीएम मोदी को घेरते हुए कहा है कि पीएम मोदी से जानना चाहेंगे कि आपने हमारे संविधान को कायम रखने का वादा किया था और आप संसद के सेंट्रल हॉल में संविधान को तीन बार अपने माथे से छूने की हद तक चले गए. क्या आप कृपया अपने गृह राज्य गुजरात में कार्रवाई करेंगे? मालूम हो कि मोटनाथ रेजीडेंसी में करीब 460 फ्लैट हैं. राज्य सरकार की मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत निम्न आय वर्ग के परिवारों के लिए वीएमसी की आवास परियोजना के तहत इनका निर्माण कराया गया है.
मीडिया सूत्रों के मुताबिक गुजरात सरकार की सीएम आवास योजना के तहत वडोदरा नगर निगम (वीएमसी) के द्वारा बनाई गई एक आवासीय परिसर में रहने वाले लोगों ने एक मुस्लिम महिला को फ्लैट आवंटित किए जाने के खिलाफ विरोध शुरू कर दिया है. यहां रहने वाले लोग लगातार फ्लैट आवंटन रद्द करने की मांग कर रहे हैं और चेतावनी दी है कि अगर इस सम्बंध में स्थानीय प्रशासन जल्द कोई कार्रवाई नहीं करता है तो वे राज्य सरकार और केंद्र के समक्ष इस मामले को ले जाएंगे. यहां रहने वालों का कहना है कि यह जगह केवल हिंदुओं के लिए है.
इस सम्बंध में हिंदू निवासियों ने दावा करते हुए कहा है कि अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों को मकान आवंटित नहीं किए जा सकते, क्योंकि हरनी क्षेत्र, जहां यह परिसर स्थित है, हिंदू निवासियों का क्षेत्र है और अशांत क्षेत्र अधिनियम के अंतर्गत आता है. लोगों ने ये भी कहा है कि इस अधिनियम के तहत ‘अशांत क्षेत्रों’ में जिला कलेक्टर की पूर्वानुमति के बिना एक धार्मिक समुदाय के सदस्यों द्वारा दूसरे समुदाय के लोगों को संपत्ति बेचने पर प्रतिबंध होता है.
इस पूरे मामले को लेकर वडोदरा के नगर आयुक्त दिलीप राणा ने मीडिया को बताया कि इस मामले में हरनी क्षेत्र में मोटनाथ रेजीडेंसी के निवासियों से एक ज्ञापन मिला है. उन्होंने कहा कि सभी प्रासंगिक दस्तावेजों की जांच व अध्ययन के बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा. उन्होंने ये भी कहा कि एक प्रावधान है, जिसके तहत हिंदुओं और मुसलमानों को उनके संबंधित क्षेत्रों में फ्लैट दिए जाते हैं. यह केवल उन आवासीय परियोजनाओं पर लागू होता है जो अशांत क्षेत्रों में स्थित हैं. हमें यह जांच करनी है कि क्या यह सोसायटी उस श्रेणी में आती है.
विरोध प्रदर्शन के बीच महिला लाभार्थी ने कहा है कि उसे यह मकान 6 साल पहले ही आवंटित हो गया था लेकिन वह यहां के दूसरे निवासियों के विरोध के चलते अपने मकान में नहीं जा सकी है.
-भारत एक्सप्रेस
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