Varanasi: वाराणसी दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को एक महिला के भाषण ने इतना प्रभावित किया कि वह उसे चुनाव लड़ने तक का ऑफर दे बैठे, लेकिन महिला ने ये कह कर उनका ऑफर ठुकरा दिया कि इसके बारे में उसने सोचा नहीं है. इसी के साथ महिला ने ये भी कहा कि, ‘हम आपसे ही प्रेरित होते हैं. आपके सामने खड़े होकर मैंने मंच पर दो शब्द कहे हैं, मेरे लिए यही गर्व की बात है. बता दें कि महिला का नाम चंदा देवी ( Chanda Devi) है और उनकी पीएम मोदी से की गई बातचीत लगातार सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है.
बता दें कि 17 और 18 को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी दौरे पर पहुंची पीएम मोदी ने जनसभा को सम्बोधित किया था. इसी दौरान उन्होंने महिलाओं से बात की. इस मौके पर वाराणसी के रामपुर गांव की रहने वाली चंदा देवी ने मंच से लखपति दीदी योजना की प्रशंसा की और इसके बारे में अपनी महिला समूह के कार्य की चर्चा की. चंदा देवी के भाषण की शैली पीएम मोदी को खूब पसंद आई. सेवापुरी गांव में चंदादेवी भाषण दे रही थीं. पीएम मोदी उनके भाषण से इतना प्रभावित हुए कि उन्होंने कहा, ‘आप तो बहुत अच्छा भाषण देती हैं, क्या आपने कभी चुनाव लड़ा है?’ इस पर चंदादेवी ने इनकार कर दिया और कहा कि, ‘हमने कभी चुनाव लड़ने का नहीं सोचा है. हम आपसे ही प्रेरित होते हैं. आपके सामने खड़े होकर मैंने मंच पर दो शब्द कहे हैं, मेरे लिए यही गर्व की बात है.’
बता दें कि पीएम मोदी और चंदादेवी के बीच हुई इस बातचीत का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. चंदा देवी की उम्र 35 साल है और वह ‘लखपति दीदी’ हैं. बता दें कि लखपति दीदी केंद्र सरकार की एक योजना है, जिसके तहत सरकार की दो करोड़ महिलाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है. वहीं चंदादेवी ने अपने बारे में बताया कि साल 2004 में इंटर की परीक्षा पास की थी.
चंदादेवी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि 2005 में लोकपति पटेल से उनकी शादी होने के बाद उनकी पढ़ाई छूट गई थी. अभी उनके दो बच्चे हैं. बड़ी बेटी प्रिया 14 साल की हैं और हिंदी मीडियम से प्राइवेट स्कूल में पढ़ाई करती है. वहीं छोटा बेटा 8 साल का अंश है जो अभी सरकारी स्कूल में पढ़ता है. चंदादेवी ने कहा कि वो तो ज्यादा नहीं पढ़ सकीं, लेकिन चाहती हैं कि उनके बच्चे अच्छे कॉलेज में खूब पढ़ाई करें.
चंदा देवी ने मीडिया से बात करते हुए जानकारी दी कि, जब से ‘राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन’ के शुरुआत हुई, तब से ही उन्होंने अपने गांव में समूह अध्यक्ष के तौर पर काम करना शुरू कर दिया था. चंदा देवी ने बताया कि, 19 महीने से वो बरकी गांव के यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की ‘बैंक सखी’ हैं और वह लगातार जरूरतमंदों को लोन दिलाने का काम कर रही है. इसी के साथ ही गांव की स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के लगभग 80-90 बैंक खातों को देखती हैं.
पीएम मोदी के चुनाव लड़ने के ऑफर को क्यों ठुकराया, इस सवाल पर चंदा देवी ने कहा कि परिवार की इतनी जिम्मेदारियां है कि चुनाव लड़ने के बारे में नहीं सोच सकतीं. उनकी सास की उम्र 70 साल है, जो अक्सर बीमार रहती हैं. तो वहीं उनको अपने दो बच्चों की भी देखभाल करनी पड़ती है. खेती-बाड़ी में भी हाथ बंटाना पड़ता है. इसलिए चुनाव नहीं लड़ सकती. वह परिवार से दूर नहीं हो सकतीं और चुनाव लड़ने के लिए परिवार से दूर होना पड़ेगा.
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